भाजपा ने लोकसभा चुनाव में उतारे 35 हजार ‘त्रिदेव’, पढ़ें खबर…

लोकसभा चुनावों में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए भाजपा ने अपने त्रिदेव मैदान में उतार दिए हैं। पार्टी ने इन्हें देवता स्वरूप मानते हुए बूथ पर जीत का जिम्मा सौंपा है। भाजपा संगठन ने बूथ अध्यक्ष, बूथ सचिव और बीएलए टू को त्रिदेव का दर्जा दिया है।

इन पर बूथ में पार्टी के चुनाव अभियान की कमान से लेकर मतदाताओं को बूथ तक लाने का जिम्मा है। चुनावों में अहम भूमिका को देखते हुए इन्हें त्रिदेव का दर्जा दिया गया है और बूथ स्तर पर चुनाव प्रबंधन की माइक्रो प्लानिंग भी इन्हीं के सहारे हो रही है।

भाजपा में त्रिदेव की अहमियत इसी से लगाई जा सकती है कि शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिद्वार लोकसभा के सात हजार के करीब त्रिदेव के साथ बैठक करने वाले हैं। उत्तराखंड में भाजपा के 35 हजार त्रिदेव: उत्तराखंड में निर्वाचन आयोग ने 11729 पोलिंग बूथ बनाए हैं।

भाजपा ने भी इसी के अनुसार अपने बूथ प्लान किए हैं। इस हिसाब से एक बूथ पर तीन त्रिदेव को देखते हुए राज्य में पार्टी के कुल 35 हजार 187 त्रिदेव हैं। इन सभी को लंबे समय से चुनाव प्रबंधन की बारीकियां सिखाई जा रही हैं। त्रिदेव के पास बूथ के एक एक वोटर की जानकारी के साथ ही उनका संपर्क नंबर भी है।

बूथ जीतकर चुनाव जीतने का मंत्र: भाजपा चुनाव जीतने के लिए बूथ जीतने के मंत्र पर काम करती रही है। पिछले जितने भी चुनावों में पार्टी को जीत मिली है उसमें बूथ प्रबंधन की अहम भूमिका मानी जाती है। इसी के तहत पार्टी इस बार भी सबसे अधिक ध्यान बूथ प्रबंधन पर दे रही है।

भाजपा के चुनाव अभियान में बूथ स्तर के त्रिदेव की सबसे अहम भूमिका है। यह न केवल बूथ स्तर पर चुनाव प्रबंधन का काम देखते हैं बल्कि इनका मतदाताओं के साथ भी संपर्क है। पार्टी में त्रिदेव की भूमिका इसी से समझी जा सकती है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हरिद्वार दौरे के दौरान त्रिदेव के साथ बैठक करने जा रहे हैं। 

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