बिहार में भरभराकर गिर रहे हैं एक के बाद एक पुल, पढ़ें पूरी खबर…

पिछले वर्ष जून से अब तक बिहार में तीन निर्माणाधीन पुल गिर चुके हैं। पहले बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की देखरेख में बन रहे अगवानी घाट पुल का सुपर स्ट्रक्चर गिरा। इसके बाद उसी महीने एनएचएआई की देखरेख में किशनगंज जिले के मेची नदी पर गलगलिया के अररिया के गोरीचक के बीच निर्माणाधीन पुल का पीयर क्षतिग्रस्त हो गया था। वहीं शुक्रवार को सुपौल के बकौर से मधुबनी के भेजा के बीच बन रहे 10.2 किमी लंबे पुल का एक सेगमेट गिर गया। यह पुल भी एनएचएआई द्वारा बनाया जा रहा था।
पुलों का ऑडिट नहीं पकड़ सका रफ्तार
पुलों के गिरने पर आरंभ के कुछ महीने तक कार्य महकमा सक्रिय तो रहता है पर बाद में यह मामला ठंडा पड़ जाता है।
अगवानी घाट के सुपर स्ट्रक्चर गिरने के बाद यह तय हुआ था कि पथ निर्माण विभाग द्वारा राज्य सरकार द्वारा बनाए गए सभी नए और पुराने पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा। अगवानी घाट पुल का स्ट्रक्चरल आडिट तो जरूर हुआ पर अन्य पुलों के लिए यह निर्णय रफ्तार नहीं पकड़ सका।
वक्त के साथ मामला हो जाता है शांत
अगुवानी घाट पुल के सुपर स्ट्रक्चर गिरने के बाद आईआईटी, रुड़की विशेषज्ञों ने उस पुल का स्ट्रक्चरल ऑडिट किया। पुल निर्माण से जुड़े देश के नामी-गिरामी विशेषज्ञ भी पहुंचे। जांच के बाद आथिरिटी इंजीनियर पर भी सवाल उठे कि उन्होंने उस डिजायन को कैसे अपनी मंजूरी प्रदान की।
बाद में निर्माण एजेंसी ने अपने काॅस्ट पर पुल के नए सिरे से निर्माण का शपथ पत्र दिया। अब यह मामला शांत हो गया है। पिछले वर्ष जून में किशनगंज में एनएचएआई द्वारा बनाए जा रहे पुल के गिरने के बाद तीन इंजीनियर निलंबित कर दिए गए पर अभी तक यह कारण सामने नहीं आ सका कि पुल क्यों गिरा?
एनएचएआई ने बिहार के सभी पुलों की स्ट्रक्चरल जांच के लिए आदेश भी दिया हुआ है। विशेषज्ञों के पैनल भी बने पर इस पर बहुत अधिक काम आगे नहीं बढ़ा।
एनएचएआई की तीन सदस्यीय टीम करेगी जांच
एनएचएआई के क्षेत्रीय कार्यालय से संबंधित अधिकारियों ने बताया कि् भेजा पुल का सेगमेंट गिरना प्रथम दृष्टया मैकेनिकल फाल्ट लग रहा। अभी पुल शुरू नहीं हुआ है।
सेगमेंट को ऊपर चढ़ाने के क्रम में यह घटना घटी। एनएचएआई की तीन सदस्यीय जांच टीम इस दुर्घटना की जांच के लिए आ रही। जांच के बाद ही यह कहना संभव हो पाएगा कि यह कैसे गिरा।