पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ठना ‘युद्ध’, अमेरिका ने कही यह बात

अमेरिका ने पाकिस्तान से हमलों को लेकर संयम बरतने का आग्रह किया है। इससे कुछ घंटे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि उसने अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से संबद्ध आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले किए हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान पर शासन करने वाले तालिबान से भी आग्रह करता है कि वह यह सुनिश्चित करे कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी हमले करने के लिए न किया जाए।

पाकिस्तान ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तानी अशांत शहरों में हाल में हुए आतंकवादी हमलों के बाद दोनों पड़ोसी देशों में छिड़ी जुबानी जंग के बीच उसने अफगानिस्तान के टीटीपी आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले किए हैं। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने कहा कि टीटीपी के हाफिज़ गुल बहादुर समूह से जुड़े आतंकवादियों पर हमला किया गया है। इस समूह ने शनिवार को सेना की एक चौकी पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें दो अधिकारियों समेत सात सैनिकों की मौत हुई थी।

अफगान तालिबान ने कहा कि पाकिस्तान के हवाई हमलों में तीन बच्चों सहित कम से कम आठ आम असैन्य लोग मारे गए हैं। उसने काबुल में पाकिस्तान के दूतावास में प्रभारी राजदूत को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया।ज्यां-पियरे ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान को अपने मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “हम उन खबरों से अवगत हैं, जिनमें कहा गया है कि शनिवार को पाकिस्तान में एक सैन्य चौकी पर हुए हमले के जवाब में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में हवाई हमले किए। हमें पाकिस्तान में हमले के दौरान जन हानि तथा घायलों के प्रति तथा अफगानिस्तान में हमलों के दौरान असैन्य लोगों की जान जाने पर गहरा अफसोस है।’ ज्यां-पियरे ने कहा, ‘हम तालिबान से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि अफगान धरती से आतंकवादी हमले न किए जाएं। हम पाकिस्तान से संयम बरतने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि आतंकवाद विरोधी प्रयासों में आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।’

एक अलग संवाददाता सम्मेलन में विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने भी यही बात कही। पटेल ने यह भी कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि अफगानिस्तान फिर से उन आतंकवादियों के लिए पनाहगाह न बने जो अमेरिका या हमारे साझेदारों और सहयोगियों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।”

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