माओवादियों से लिंक पर साईबाबा समेत पांच को राहत, HC से मिली क्लीन चिट

माओवादियों से ताल्लुक रखने के मामले में अरेस्ट किए गए डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को हाई कोर्ट से क्लीन चिट मिली है। मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में अहम फैसला सुनाया और उन्हें बरी कर दिया। साईबाबा के अलावा 5 अन्य आरोपियों को अदालत ने राहत दी है। जस्टिस विनय जोशी और वाल्मीकि एस.ए. ने 2017 में आए सेशन कोर्ट के फैसले को पलट दिया। अदालत ने कहा कि जीएन साईबाबा समेत सभी 6 लोगों को 50 हजार रुपये के बेल बॉन्ड पर रिहा किया जा सकता है।

चर्चा है कि इस मामले में सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जा सकता है। लेकिन अब तक सरकार का इस फैसले पर कोई रिएक्शन नहीं आया है। दरअसल हाई कोर्ट ने अप्रैल 2023 में भी जीएन साईबाबा समेत 6 लोगों को बरी कर दिया था। फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो उसने आदेश को खारिज कर दिया और फिर से मामले को नए सिरे से सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया। फिर अपील दायर की गई तो हाई कोर्ट ने एक बार फिर से फैसला जीएन साईबाबा और 5 अन्य लोगों के पक्ष में सुनाया है।  

जीएन साईबाबा समेत इन लोगों को गढ़चिरौली की सेशन कोर्ट ने 7 मार्च, 2017 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इन लोगों पर आरोप था कि इन्होंने देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोशिश की। जीएन साईबाबा के अलावा अदालत ने जेएनयू के छात्र हेम मिश्रा, पूर्व पत्रकार प्रशांत राही, पांडु नारोटे और महेश टिर्की को भी UAPA के तहत दोषी ठहराया गया था। बता दें कि इन आरोपियों में से एक पांडु की स्वाइन फ्लू की चपेट में आने के चलते मौत हो गई थी। उनका सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था।

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