इस तिथि को है विजया और आमलकी एकादशी, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
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हिंदू धर्म में एकादशी पर्व का विशेष महत्व है। एकादशी व्रत के दौरान भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। भगवान विष्णु का नाम जपने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। एकादशी व्रत माह में दो बार रखा जाता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, मार्च माह विजया एकादशी और आमलकी एकादशी व्रत है। यहां जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
6 मार्च को विजया एकादशी
विजया एकादशी व्रत 6 मार्च, 2024 को सुबह 06 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा, जिसका समापन 7 मार्च, 2024 को सुबह 04 बजकर 13 मिनट पर होगा। विजया एकादशी व्रत के पारण का समय 7 मार्च 2024 को दोपहर 01 बजकर 09 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक के बीच होगा।
20 मार्च को आमलकी एकादशी
आमलकी एकादशी की शुरुआत 20 मार्च, 2024 दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से होगी, वहीं आमलकी एकादशी का समापन 21 मार्च, 2024 को 02 बजकर 22 मिनट पर होगा। पारण का समय 21 मार्च 2024 को दोपहर 01 बजकर 07 से 03 बजकर 32 तक के बीच होगा।
एकादशी उपवास का महत्व
हिंदुओं में एकादशी का बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा होती है। सभी वैष्णव इस दिन का व्रत रखते हैं और मंत्रों का जाप करके भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, जो जातक एकादशी के दिन श्री हरि की पूजा करते हैं, उन्हें जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।
विजया एकादशी पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें और भगवान विष्णु को पंचामृत, फल, फूल, मिठाई और दीप अर्पित करें। एकादशी व्रत के दौरान विष्णु चालीसा का पाठ करें और भगवान विष्णु की आरती करें। आखिर में प्रसाद वितरित करें। प्रसाद में तुलसी की पत्तियां जरूर डालें।