MP: दिव्यांग होने की वजह से पत्नी ने नहीं बनाए शारीरिक संबंध, कोर्ट ने पति को दिलाया न्याय

मध्य प्रदेश के एक कोर्ट ने एक पति को इजाजत दी कि वो अपने पत्नी से तलाक ले सकता है। दरअसल, मंगलवार को मुलताई न्यायालय ने शादी के बाद अपने पति को दांपत्य सुख से वंचित रखने के मामले में फैसले सुनाया। कोर्ट ने इसे क्रूरता मानते हुए पति और पत्नी के बीच तलाक के आदेश पारित किए हैं।

इस मामले में पति की ओर से तलाक के लिए न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था। अपर जिला सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने आदेश जारी किया है।

पति का करवाया गया मेडिकल टेस्ट

आवेदक की अधिवक्ता हरप्रीत खुराना ने बताया कि आवेदक की शादी 2018 में हुई थी। विवाह के बाद से ही उसकी पत्नी उसे दांपत्य सुख से वंचित रख रही थी। पत्नी उसे शारीरिक संबंध नहीं बनाने देती थी और उसे दिव्यांग कहकर उसका मजाक उड़ाती थी। दोनों के बीच इस विवाद का मामला परिवार परामर्श केंद्र में भी चला था। वहीं इस मामले में पति का मेडिकल भी करवाया गया।

पति को शारीरिक संबंध नहीं बनाने देना क्रूरता: कोर्ट

जिसमें डाक्टर ने पति को शारीरिक संबंध बनाने के लिए स्वस्थ पाया था। पूरे मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद शादी के बाद पति को शारीरिक संबंध नहीं बनाने देने को क्रूरता मानकर पति को तलाक के लिए पात्र मानते हुए तलाक के आदेश दिए हैं।

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