लखनऊ के अकबरनगर में चला बुलडोजर, 1100 मकानों-दुकानों पर संकट

यूपी की राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे अकबरनगर में आज बुलडोजर ऐक्‍शन चल रहा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) और नगर निगम की टीमों के साथ बड़ी संख्‍या में पुलिस बल मौके पर मौजूद है। जेसीबी और पोकलैंड मशीनों के साथ पहुंची फोर्स ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बीच कई स्‍थानीय लोग कोर्ट में मामला लंबित होने की बात कहते हुए कार्रवाई को गलत बता रहे हैं। माना जा रहा है कि जिन लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका नहीं की है फिलहाल उनके अवैध निर्माण को ही गिराने की कार्रवाई होनी है। बुलडोजर ऐक्‍शन को लेकर कई रास्‍तों पर सुबह से ही रूट डायवर्जन लागू किया गया है। 

बता दें कि शनिवार को इस मामले में एक हाईलेवल मीटिंग हुई थी। इसके बाद कहा जा रहा था कि एलडीए सोमवार को ऐक्‍शन ले सकता है। पिछले दिनों हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अकबर नगर में ध्वस्तीकरण पर 21 फरवरी तक के लिए रोक बढ़ा दी थी। वहीं सुनवाई के दौरान एक याची रामू बाल्मिकी ने एलडीए दवा बसंत कुंज योजना में पुनर्वास के तहत फ्लैट दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकार करने की मंशा जताई थी । इस पर न्यायालय ने उसे तीन दिनों में उपाध्यक्ष, एलडीए के समक्ष आवेदन देने को कहा है। इसके साथ ही 21 फरवरी तक उक्त याची के मामले में कार्यवाही पूर्ण कर लेने का आदेश दिया था। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने अकबर नगर के निवासियों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया था।

पिछले साल दिसम्‍बर में कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने अकबर नगर प्रथम और द्वितीय में रह रहे लोगों की अपीलों पर सुनवाई की थी। बताया गया कि इस दौरान कोई भवन स्वामी, शोरूम मालिक अपने मकान का मंजूर नक्शा या जमीन के मालिकाना हक का कागज उपलब्ध नहीं करवा सका। ऐसे में कमिश्नर को एलडीए के विहित प्राधिकारी के ध्वस्तीकरण आदेश पर रोक लगाने का आधार नहीं मिला। उन्होंने एक साथ करीब सवा सौ याचिकाएं खारिज कर दीं थीं। इसके बाद दिसम्‍बर में ही एलडीए के प्रवर्तन दस्ते ने यहां ध्‍वस्‍तीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन कुछ समय बाद ही कोर्ट का आदेश आने पर बुलडोजर ऐक्‍शन रोक दिया गया था। तब  कोर्ट ने अपने आदेश में ऐक्‍शन लेकर अफसरों की जल्दबाजी पर भी सख्त टिप्पणी की थी। जस्टिस पंकज भाटिया की बेंच ने कहा था याची जमीन पर अपना स्वामित्व साबित नहीं कर सके हैं, लेकिन वे वहां पर लंबे से काबिज हैं, यह साबित है। इन स्थितियों में बिना उन्हें पुनर्वासित किए कार्यवाही नहीं चल सकती।

क्या है मामला

अकबर नगर-1 और अकबर नगर -2 में कुल 1068 मकान और 101 दुकानें-शोरूम तोड़े जाने की एलडीए ने तैयारी की है। आरोप है कि अकबरनगर प्रथम और अकबर नगर द्वितीय के करीब 1200 लोगों ने कुकरैल नदी की जमीन पर कब्जाकर मकान, दुकान और शोरूम खड़े कर लिए हैं। एलडीए ने करीब चार महीने पहले इनका ध्वस्तीकरण आदेश दिया था। इसके खिलाफ करीब सवा सौ लोगों ने कमिश्नर कोर्ट में अपील की थी। कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में भी केस दायर किया था। उच्च न्यायालय ने कमिश्नर को सुनवाई का आदेश देकर तब तक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। कमिश्नर कोर्ट ने मामले की सुनवाई की तो कोई भी भवन स्वामी मकान, दुकान का स्वीकृत मानचित्र पेश नहीं कर सका। जमीन के मालिकाना हक का पेपर भी नहीं था। इसके बाद कमिश्नर ने सभी की अपीलें रद्द कर दी थीं। 

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