अमेरिका की नाइट क्लब में नहीं मिली एंट्री, बाहर तेज ठंड के कारण भारतीय छात्र की हुई मौत

पिछले महीने इलिनोइस विश्वविद्यालय में 18 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी छात्र अकुल धवन दोस्तों के साथ नाइट आउट के दौरान एक क्लब के पास जमने के कारण मौत हो गई। इस घटना की जानकारी पुलिस ने दी।

वहीं, पुलिस के अनुसार अकुल बी. धवन देर रात डेढ़ बजे के करीब लापता हो गया था और लगभग 10 घंटे बाद इलिनोइस यूनिवर्सिटी के कैंपस के पास एक इमारत के बरामदे में मृत पाया गया। हालांकि, उसकी मौत का सटीक कारण जानने के लिए कैंपस पुलिस जांच कर रही है। 

क्लब में प्रवेश करने से किया था मना

मिली जानकारी के अनुसार, उन्हें क्लब में प्रवेश करने से मना कर दिया था। धवन के माता-पिता का मानना था कि बुसे-इवांस रेजिडेंस हॉल के पास कोई तलाशी नहीं ली गई और विश्वविद्यालय पुलिस ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इलिनोइस विश्वविद्यालय पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।

धवन के माता-पिता ने द न्यूज गजट में जारी एक खुले पत्र में कहा, माता-पिता के रूप में, हमें जवाब चाहिए। हमने यूआई पुलिस में एक आधिकारिक शिकायत दर्ज की है। हमारे पास विश्वविद्यालय के अधिकारियों और पुलिस से निम्नलिखित प्रश्न हैं: पुलिस का कहना है कि उन्होंने सुबह 2:09 बजे बुसे-इवांस रेजिडेंस हॉल के आसपास तलाशी ली थी।

20 जनवरी को हुई थी अकुल की मौत

31 जनवरी को, इलिनोइस विश्वविद्यालय अर्बाना-शैंपेन ने कहा कि पुलिस इलिनोइस विश्वविद्यालय अर्बाना-शैंपेन के छात्र अकुल धवन की 20 जनवरी की मौत के आसपास की परिस्थितियों की जांच हो रही है।

पुलिस ने कहा कि अब तक एकत्र की गई जानकारी से पता चलता है कि मौत आकस्मिक थी और कोई साजिश नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि धवन को 20 जनवरी को सुबह लगभग 11:08 बजे (स्थानीय समय) वेस्ट नेवादा स्ट्रीट, अर्बाना के 1200 ब्लॉक में मृत पाया गया था।

बयान में कहा गया है कि एक दोस्त जिसका धवन से संपर्क टूट गया था, उसने देर रात 1:23 बजे (स्थानीय समयानुसार) पुलिस को फोन किया और जांचकर्ताओं ने उस कॉल पर पुलिस की प्रतिक्रिया की समयरेखा साझा की है।

2024 में 7 युवकों की हो चुकी है मौत 

2024 में, भारतीय और भारतीय अमेरिकी मूल के सात युवकों की विभिन्न परिस्थितियों में असामयिक मृत्यु हो गई, जिनमें संदिग्ध आत्महत्या और अधिक मात्रा में सेवन से लेकर हिंसक कृत्य तक शामिल थे।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के अधिकारी जॉन किर्बी ने पिछले हफ्ते भारतीय छात्रों पर हमलों की निंदा की और कहा कि “जाति, लिंग या किसी अन्य कारक के आधार पर हिंसा के लिए कोई बहाना नहीं है”।

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने यह भी कहा कि बाइडन के नेतृत्व वाला प्रशासन भारतीयों को यह आश्वस्त करने के लिए “बहुत प्रतिबद्ध” है कि उच्च अध्ययन के लिए अमेरिका एक “अद्भुत और सुरक्षित” स्थान है।

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