MP के पूर्व सीएम कमल नाथ ने कहा- किसानों को अगर MSP नहीं मिलता है तो यह अन्याय….

किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का कहना है कि अगर किसानों को एमएसपी नहीं मिलता है- तो यह उनके साथ अन्याय है। कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य की लगभग 70 प्रतिशत अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है और किसान राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं।

नाथ ने संवाददाताओं से कहा, ‘मध्य प्रदेश की 70 प्रतिशत अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है और किसान राज्य में इकोनॉमिक एक्टिविटिज जनरेट करते हैं। गांवों में किराने की दुकानें तब चलती हैं जब किसानों की जेब में पैसा होता है। लेकिन अगर किसानों को एमएसपी नहीं मिलता है- यह एक ऐसा अन्याय है जो उनके साथ लगातार हो रहा है। उनकी न्यूनतम मांग एमएसपी की है। यह बहुत जरूरी है।’

पुलिस द्वारा किसानों को गिरफ्तार करने के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि वे ऐसा जरूर करेंगे, ताकि मामला सामने न आ पाए। लेकिन किसान घर पर नहीं बैठेंगे। बता दें कि किसान विरोध प्रदर्शन का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा और पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति ने किया है, जिसका नेतृत्व किसान यूनियन नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर कर रहे हैं।

किसानों ने केंद्र सरकार के सामने 12 मांगें रखी हैं, जिन्हें लेकर उन्होंने दिल्ली कूच का ऐलान किया है। प्रदर्शनकारी किसानों के अनुसार, केंद्र ने उन्हें फसल की बेहतर कीमत का वादा किया जिसके बाद उन्होंने 2021 का विरोध समाप्त कर दिया था। किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। 

इसके अलावा पूर्ण कर्ज माफी और किसानों एवं खेत मजदूरों को पेंशन प्रदान करने की योजना की भी मांग कर रहे हैं। किसानों ने बिजली संशोधन विधेयक 2020 को रद्द करने का आग्रह किया है। वहीं भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को फिर से लागू करने जिससे किसानों की सहमति सुनिश्चित हो सके और कलेक्टर दर से 4 गुना मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।

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