दिल्ली की सीमाएं फिर होंगी बंद, किसानों की हुंकार से कई राज्यों में हलचल हुई तेज…
किसानों के 13 फरवरी को दिल्ली कूच के ऐलान से एक बार फिर कई राज्यों में हलचल तेज हो गई है। किसानों के एक और आंदोलन की तैयारी के बीच दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगी दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस द्वारा यहां बैरिकेडिंग करने के साथ ही 5000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जा रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी। वहीं, हरियाणा में भी किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च से पहले हरियाणा पुलिस ने राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अभूतपूर्व इंतजामों के तहत केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां तैनात की हैं।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को उत्तर प्रदेश के किसानों ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर धरना दिया। पुलिस ने दिल्ली तक उनके मार्च को रोक दिया। प्रदर्शन के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिला।
मुख्यत: उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के कई किसान संगठनों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग के लिए 13 फरवरी को एक और विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। यह उन शर्तों में से एक है जो किसानों ने तब निर्धारित की थी जब वे 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन वापस लेने पर सहमत हुए थे। बाद में इन कानूनों को निरस्त कर दिया गया था।
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की भी मांग कर रहे हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम यह जानने के लिए हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में अपने समकक्षों के साथ संपर्क में हैं कि कितने किसान संगठन विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे और अपेक्षित लोगों की संख्या क्या होगी। उचित समीक्षा के बाद, हम कानून और व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक योजना तैयार करेंगे।
गुरुवार को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लगभग 100 गांवों के हजारों किसान सड़कों पर उतर आए, जिससे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के कई हिस्सों में यातायात ठप हो गया। किसान नेता राकेश टिकैत गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शनकारियों से जुड़े जहां उनके संगठन भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के सदस्य स्थानीय प्राधिकरण कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। दोपहर 12 बजे के आसपास नोएडा में महामाया फ्लाईओवर से अपना मार्च शुरू करने वाले प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए चिल्ला बॉर्डर पर एक तरफ नोएडा पुलिस और दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड लगाए थे।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ”पुलिस अर्द्धसैनिक बलों के संपर्क में भी है और एक उचित सुरक्षा योजना लागू की जाएगी। हमने पहले ही सुरक्षा बढ़ा दी है और हरियाणा और उत्तर प्रदेश की विभिन्न सीमाओं पर बैरिकेड लगा दिए हैं। पुलिसकर्मी दंगा रोधी उपकरणों से लैस होंगे।”
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर हरियााणा में केंद्रीय बलों की 50 कंपनियां तैनात
वहीं, किसानों के 13 फरवरी को प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च से पहले हरियाणा पुलिस ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां तैनात की हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि किसी को भी शांति व सद्भाव बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने किसानों से अगले सप्ताह होने वाले मार्च में बिना अनुमति के भाग नहीं लेने को कहा है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
‘दिल्ली चलो’ मार्च में 200 से अधिक किसान यूनियन हिस्सा ले सकती हैं हिस्सा
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई मांगों को स्वीकार करने के सिलसिले में केंद्र पर दबाव बनाने को लेकर 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च की घोषणा की थी, जिसमें 200 से अधिक किसान यूनियन हिस्सा ले सकती हैं।
हरियाणा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को पीटीआई को बताया कि राज्य में रैपिड एक्शन फोर्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सहित केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां तैनात की गई हैं। अधिकारी ने कहा कि हम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त इंतजाम कर रहे हैं। हमने अर्धसैनिक बलों की 65 कंपनियां मांगी थीं और हमें 50 कंपनियां मिल गईं। अधिकारी ने अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर कहा कि जहां इन बलों को तैनात करने की आवश्यकता है, हमने वह किया है।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं और किसी को भी राज्य में शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। विज ने कहा कि हम अपने राज्य में पूर्ण शांति सुनिश्चित करेंगे और इसे किसी भी तरह से बाधित नहीं होने देंगे।
हरियाणा के डीजीपी कपूर ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि लोगों को शांति बनाए रखनी चाहिए और शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाहें नहीं फैलाई जानी चाहिए।
अधिकारियों ने कहा कि व्यापक सुरक्षा व्यवस्था करने के अलावा, हरियाणा पुलिस किसानों को दिल्ली की ओर जाने से रोकने के लिए पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं को सील कर देगी। किसानों ने अंबाला-शंभू बॉर्डर, खनौरी-जींद और डबवाली बॉर्डर से दिल्ली जाने की योजना बनाई है।
पुलिस ने किए कैसे-कैसे इंतजाम
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए अंबाला में शंभू बॉर्डर पर पहले से ही कंक्रीट ब्लॉक, कंटीले तार, रेत की बोरियां, बैरिकेड और अन्य सामान जमा कर लिया है।
जींद जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने कंटीले तार, कंटेनर, बैरिकेड और कंक्रीट ब्लॉक आदि की व्यवस्था की है और पंजाब से प्रवेश बिंदु को सील कर दिया जाएगा। पुलिस अधिकारी ने कहा कि आसपास के गांवों के सरपंचों ने अपनी बैठकें की हैं और अधिकारियों को आश्वासन दिया है कि वे मार्च में भाग नहीं लेंगे।
पेट्रोल-डीजल नहीं देने के निर्देश
अंबाला में, पुलिस महानिरीक्षक (अंबाला रेंज) सिवास कविराज, पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा और अंबाला के उपायुक्त डॉ. शालीन ने शंभू टोल प्लाजा के पास हरियाणा-पंजाब सीमा का दौरा किया और वहां सुरक्षा व्यवस्था का आकलन किया। पुलिस ने अंबाला में पेट्रोल पंप डीलरों को निर्देश दिया कि वे उन लोगों को पेट्रोल-डीजल न दें जिनके वाहनों पर किसान यूनियन के झंडे लगे हों। अधिकारियों ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर वाटर कैनन वाहन और ड्रोन तैनात किए गए हैं।
इस बीच, अंबाला में किसान यूनियनें भी ‘दिल्ली चलो’ मार्च की तैयारी कर रही हैं। वे विभिन्न गांवों में बैठकें कर रहे हैं और दिल्ली की ओर मार्च करते समय अपने साथ ले जाने के लिए खाद्य सामग्री की व्यवस्था भी कर रहे हैं। अंबाला जिला मजिस्ट्रेट ने जिले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है। जिला प्रशासन ने 400 गांवों के ‘सरपंचों’ को पत्र लिखकर उन्हें आंदोलन में भाग न लेने के लिए मनाया है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की भी मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि, 2020 में पंजाब और अंबाला के आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में किसान शंभू बॉर्डर पर एकत्रित हुए और दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया था। मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने अब निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं – सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया था।