भारतीय सैनिकों को बाहर निकालने के लिए लोगों ने हमें वोट दिया, ‘खाली’ संसद में मुइज्जू का भाषण
मालदीव में भारी गतिरोध के बावजूद राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अपने भारत विरोधी रुख पर कायम हैं। सोमवार को मालदीव की संसद में भाषण के दौरान उन्होंने एक बार फिर से भारत के खिलाफ कई बयान दिए। उन्होंने कहा कि मालदीव की जनता ने उन्हें भारतीय सैनिकों को बाहर निकालने के लिए वोट दिया था। मुइज्जू ने संसद में भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि मालदीव “किसी भी देश को हमारी संप्रभुता में हस्तक्षेप करने या उसे कमजोर करने की इजाजत नहीं देगा”। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने कहा कि भारत और मालदीव इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारतीय सैनिक 10 मई तक मालदीव छोड़ देंगे।
मालदीव के इतिहास का सबसे बड़ा बहिष्कार
दरअसल मुइज्जू खाली संसद में भाषण दे रहे थे। विपक्षी दलों ने उनके भारत विरोधी रुख के कारण भाषण का बहिष्कार किया है। मुइज्जू के भाषण से पहले ही मालदीव की दो मुख्य विपक्षी पार्टियों मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी और डेमोक्रेट्स पार्टी ने बहिष्कार का फैसला किया था। सोमवार को जब मुइज्जू मालदीव की संसद पहुंचे तो ज्यादातर सीटें खाली थी। मुइज्जू जब भाषण दे रहे थे तब केवल 24 सांसद ही उपस्थित थे।
87 सीटों वाली मालदीव की संसद के कुल 56 सांसदों ने मुइज्जू के अभिभाषण का बहिष्कार किया। इनमें डेमोक्रेट के 13 सांसद और एमडीपी के 43 सांसद हैं। सुबह 9:00 बजे बैठक शुरू होने पर केवल 24 सांसद उपस्थित थे। स्थानीय रिपोर्टों से पता चलता है कि यह मालदीव की संसद के इतिहास का सबसे बड़ा बहिष्कार है। एमडीपी और डेमोक्रेट राष्ट्रपति मुइज्जू पर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव पर भी काम कर रहे हैं।
भारत सैनिकों को हटाने को तैयार- मुइज्जू
संसद में अपने पहले भाषण के दौरान मुइज्जू ने कहा, “भारतीय सेना 10 मार्च, 2024 से पहले तीन विमानन प्लेटफॉर्म में अपने सैन्यकर्मियों को बदलेगा और इस प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा किया जाएगा। बाकी दो प्लेटफॉर्म से भारतीय सैनिक 10 मई तक हटा लिए जाएंगे।” मुइज्जू ने अपने संबोधन के दौरान भारतीय सैनिकों की वापसी के अलावा, मालदीव की सेना को मजबूत करने और चीन के साथ संबंधों का विस्तार का जिक्र किया।
अपने संबोधन में मुइज्जू ने कहा, “बड़ी संख्या में लोगों ने विदेशी सैनिकों को हटाने और मालदीव के खोए हुए जल क्षेत्र को वापस पाने के लिए मेरी सरकार को वोट दिया। मेरी सरकार को विदेशी सैनिकों को हटाने, खोए हुए क्षेत्र को वापस पाने और देश को नुकसान पहुंचाने वाले समझौतों को रद्द करने के लिए चुना गया था।”
भारत के साथ समझौते को रिन्यू नहीं करेगा- मुइज्जू
उन्होंने आगे कहा, “मैं आधिकारिक तौर सूचित कर रहा हूं कि मालदीव उस समझौते को रिन्यू नहीं करेगा जो भारत को मालदीव की सीमाओं और समुद्र तल का चार्ट बनाने के लिए पर्याप्त अधिकार देता है।” मुइज्जू ने कहा कि देश की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि मालदीव की सेना जल्द ही विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में 24 घंटे गश्त करने की क्षमता हासिल कर लेगी।
पिछले महीने, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक द्वीपीय राष्ट्र से अपने सभी सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने को कहा था। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत सरकार 10 मार्च तक तीन विमानन प्लेटफार्म में से एक में सैन्यकर्मियों को बदल देगी और 10 मई तक अन्य दो प्लेटफार्म में सैन्यकर्मियों को बदलने का काम पूरा कर लेगी।’’
भारत के करीब 80 सैन्यकर्मी मालदीव में
अभी भारत के करीब 80 सैन्यकर्मी मालदीव में हैं, जो मुख्य रूप से दो हेलीकाप्टर और एक विमान का संचालन करने के लिए हैं। इनके जरिये सैकड़ों मेडिकल बचाव एवं मानवीय सहायता मिशन को पूरा किया गया है। मुइज्जू के पिछले साल नवंबर में सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ गया। कार्यभार संभालने के बाद, व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मुइज्जू का यह कहना है कि वह भारतीय सैन्यकर्मियों को देश से निष्कासित कर अपने चुनावी वादे को पूरा करेंगे।
मुइज्जू (45) ने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनावों में भारत समर्थक इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हरा दिया था। मालदीव, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्रों में संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में (मालदीव की) पूर्ववर्ती सरकार के तहत प्रगति हुई थी। मुइज्जू ने 17 नवंबर को मालदीव के नये राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इसके बाद, उन्होंने भारत को 15 मार्च तक अपने सैन्यकर्मियों को उनके देश से वापस बुलाने कहा था।