पीएम मोदी की हिंसा की राजनीति का जवाब है भारत जोड़ो न्याय यात्रा, राहुल गांधी ने BJP पर साधा निशाना
कांग्रेस पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत सोमवार को किशनगंज पहुंचे। बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर से किशनगंज में दाखिल हुए राहुल गांधी ने कहा कि- देश में RSS और बीजेपी की नफरत और हिंसा की विचारधारा का प्रसार कर रही है। लेकिन हमारी यात्रा का हिन्दुस्तान की राजनीति पर बड़ा असर पड़ा है। लेकिन आप सबको पता है कि नफरत को नफरत नहीं काट सकता है। इसे सिर्फ मोहब्ब और प्यार काट सकते हैं। वे नफरत फैलाने की बात करते हैं तो हम लोग मोहब्बत और इज्जत की बात करते हैं।
किशनगंज के रास्ते बिहार पहुंचे सह कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने शहीद अशफाक उल्लाह खां स्टेडियम में आयोजित सभा में सोमवार को कहा कि न्याय यात्रा के जरिए हम देश में सामाजिक व आर्थिक न्याय की बात कर रहे हैं। क्योंकि सामाजिक न्याय व आर्थिक न्याय के बिना देश प्रगति नहीं कर सकता है। राहुल गांधी ने कहा कि हम बिहार की जनता को बताने आएं हैं कि आप एक बात मत भूलिए कि जब भी देश में सामाजिक न्याय की बात हुई है तब बिहार ने ही इसकी अगुवाई की है। जब भी सामाजिक न्याय की बात होती है तो पूरा देश बिहार की ओर देखता है। ये काम आपके सहयोग के बिना नहीं हो सकता। खुले मंपर राहुल गांधी ने अपने 15 मिनट के संबोधन की शुरुआत से ही भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पिछले साल कन्याकुमारी से कश्मीर तक हमने भारत जोड़ों यात्रा की शुरुआत की। 4 हजार किमी की यात्रा में पूरी हुई। अब दूसरी यात्रा नार्थ ईस्ट से शुरु हुई है। इसके जरिए हमलोगों को यह बताने आए हैं कि देश में आरएसएस व बीजेपी की विचारधारा ने हिंसा व नफरत फैला रखी है। भाई-भाई से लड़ रहा है। एक धर्म के व्यक्ति दूसरे धर्म के व्यक्ति से लड़ रहा है। भाषाओं के बीच में लड़ाई हो रही है। एक जात दूसरे जात से लड़ रहा है। हम चाहते थे कि जो ये मोहब्बत का देश है। इसमें नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खुलनी चाहिए। यात्रा में हम लाखों लोगों से मिले। सेल्फी का जमाना है। हजारों लोगों के साथ सेल्फी हुई। घंटो हम चलते गए। किसानों, मजदूरों, छात्रों, माताओं व बहनों से बात होती थी। उनके दिल में जो दर्द व कठिनाई थी वो हमें बताते थे। हिन्दुस्तान की राजनीति पर इस यात्रा का बहुत बड़ा असर पड़ा।
देश में बीजेपी व आरएसएस ने जो विचारधारा नफरत व हिंसा की फैला रखी है। उसके खिलाफ एक नया विजन एक नयी विचारधारा खड़ी हुई मोहब्बत की। इन्होंने कहा कि नफरत को नफरत नहीं काट सकती । कितनी भी कोशिश कर लो। नफरत को सिर्फ मोहब्बत व प्यार काट सकता है। एक तरफ वो नफरत व देश को बांटने की बात करते हैं। दूसरे तरफ हम मोहब्बत, इज्जत व भाईचारे की बात करते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि जब हमने कन्याकुमारी के कश्मीर की यात्रा खत्म की तो काफी लोग हमारे पास आए और कहने लगे राहुल जी आपने कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा कर दी। मगर देश का जो राजनीतिक सेंटर है जहां से सामाजिक न्याय की लड़ाई शुरु होती है। वहां से तो आपकी याात्रा हुई ही नहीं। बिहार से तो आपकी यात्रा गयी नहीं। लोगों ने कहा कि एक यात्रा नार्थ ईस्ट से महाराष्ट्र तक होनी चाहिए। हमने लोगों की बात मान ली। इसलिए हम आज आपके सामने खड़े हैं। बिहार से भारत जोड़ो न्याय यात्रा जा रही है। शुरुआत मणिपुर में की। वहां हमने बीजेपी की जो विचारधारा है उसको अपनी आंखों से देखा है। मणिपुर को दो भागों में बांट दिया है। भाई को भाई से लड़ा दिया है। पूरा प्रदेश छह सात महीने से जलता जा रहा है। लेकिन दुख की बात है कि हिन्दुस्तान के पीएम आज तक मणिपुर नहीं गए।
इन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि आज के हिन्दुस्तान में गरीब व्यक्ति को न आर्थिक न्याय मिलता है न सामाजिक न्याय मिलता है। इसलिए इस यात्रा में हमने न्याय शब्द जोड़ा है। मोदी जी की सरकार में दो तीन अरबपतियों को हिन्दुस्तान का पूरा धन दे दिया गया। चाहे वो एयरपोर्ट हो, इंफ्रास्ट्रक्चर हो, अस्पताल हो, यूनिवर्सिटी हो। सारा का सारा दो तीन उद्योगपतियों को पकड़ा दिया गया। जो मजदूरी करता है जो किसान खेती करता है उसकी सरकार कद्र नहीं करती।
उन्होंने कहा कि बिना सामाजिक न्याय व आर्थिक न्याय के ये देश प्रगति कर ही नहीं सकता। राहुल गांधी ने देश में जातिगत जनगणना पर जोर देते कहा कि हिन्दुस्तान की सरकार को 90 आईएसएस अफसर चलाते हैं। देश का पूरा पूरा बजट का ये लोग निर्णय लेते हैं। इनके बिना बजट का एक रुपया नहीं बांटा जा सकता है। इन 90 अफसरों में ओबीसी वर्ग के सिर्फ 3 है। अगर सौ रुपया बांटा जाता है तो ओबीसी वर्ग के अफसर सिर्फ 5 रुपए बांटते हैं। ये सच्चाई है। सभी वर्ग के साथ यही खेल हो रहा है। इसलिए हमने सामाजिक न्याय का सबसे क्रांतिकारी काम करने का निर्णय लिया।
कहा कि इस देश को पता लग जाना चाहिए कि इस देश में कौन जाति कितने हैं। उस काम को करने के लिए जाति जनगणना की जरुरत है। जाति जनगणना क्रांतिकारी कदम है। जिस दिन जाति जनगणना हो जाएगाा उस दिन देश के अिादवासियों दलितों को पता चल जाएगा कि उसकी आबादी कितनी है उसे पता चल जाएगा कि उसका हक कितना बनता है। पूरा देश जानता है कि देश में सबसे बड़ी आबादी ओबीसी वर्ग की होती है। तकरीबन 50 प्रतिशत ओबीसी वर्ग की आबादी है। 15 प्रतिशत दलित है। 12 प्रतिशत आदिवासी है। 15 प्रतिशत माइनोरिटी है। लेकिन उनको उनका हक नहीं मिल पाता है। इससे पूर्व कांग्रेस के प्रदेश डा. अखिलेश सिंह, सांसद डा. मो. जावेद आजाद ने भी अपनी बात रखी। इसके बाद राहुल अगले पड़ाव की ओर रवाना हो गए।