दिल्ली: AI की मदद से डेड बॉडी की खुली आंख, इस तरह सुलझा मर्डर केस

दिल्ली पुलिस ने कोतवाली इलाके में लावारिस शव की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर उसकी आंखें खोली। पुलिस के प्रयासों से शव की पहचान हुई और पोस्टमार्टम में पता लगा कि युवक की गला घोटकर हत्या हुई है। इसके बाद पुलिस ने एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

डीसीपी मनोज कुमार मीना ने बताया कि 10 दिसंबर को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के नीचे एक युवक का शव पड़ा हुआ था। पुलिस को मौके से पहचान के कोई दस्तावेज और फोन आदि नहीं मिले। ऐसा लग रहा था कि गला घोटने के बाद शव को यहां फेंका गया है। चूंकि, मामले की जांच के लिए शव की पहचान जरूरी थी, इसलिए शव के फोटो वाले पोस्टर छपवाए गए।

लावारिस शवों की पहचान के लिए फोटो पोस्टर चिपकवाए जाते हैं, जिसमें मृतक की आंखें बंद रहती हैं और पृष्ठभूमि भी कई बार धुंधली होती है। इसलिए अक्सर ऐसे पोस्टर पर लोगों की नजर नहीं पड़ती।

AI से खोली पलकें और बदला बैकग्राउंड

आईआईटी दिल्ली के छात्र रहे डीसीपी मनोज कुमार मीना ने एआई तकनीक का इस्तेमाल कर शव की आंखें खोलने और पृष्ठभूमि बदलने को कहा, ताकि ऐसे पोस्टर को देखकर पहचान में आसानी हो। इसके बाद स्पेशल स्टाफ के एसआई रोहित सारस्वत ने एआई तकनीक से शव की पलकें खोल दीं, जिसे देखकर ऐसा लग रहा था कि जीवित व्यक्ति की तस्वीर है। इसके साथ ही यमुना के किनारे वाली पृष्ठभूमि को भी बदल दिया गया। फिर नई फोटो वाले करीब पांच सौ पोस्टर छपवाए गए।

30 सदस्यीय टीम के प्रयासों से मिली सफलता 

लालकिला चौकी प्रभारी एसआई सत्येंद्र सिंह के नेतृत्व में 30 सदस्यीय टीम गठित की गई। टीम के सदस्यों को अलग-अलग जिला और थाना सौंपा गया। दिल्ली के प्रत्येक थाने के बाहर पोस्टर लगाने और उसकी सेल्फी व्हाट्सऐप ग्रुप में पोस्ट करने को कहा गया। टीम ने 11 जनवरी और 12 जनवरी को पूरी दिल्ली में पोस्टर लगा दिए। इस बीच 13 जनवरी को छावला थाना इलाके से एसएचओ कोतवाली के पास फोन आया। फोनकर्ता ने शव की पहचान अपने बड़े भाई हितेंद्र के तौर पर की। फिर परिजनों के आने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया और हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया।

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