कानपुर: कमरे अंगीठी जलाकर सो रहे तीन लोगों की दम घुटने से हुई मौत

घर से बेटी की डोली उठने से करीब दो माह पहले मंगलवार को एक ही परिवार के तीन लोगों की अर्थियां उठीं तो स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। परिवार को अंदेशा भी नहीं था कि शादी के बस चंद दिनों के पहले कुछ ऐसा हो जाएगा।

जूही के बसंती नगर में बंद कमरे अंगीठी जलाकर सोने से बुजुर्ग दंपती व बेटे की मौत हो गई थी। तीनों शवों का पैनल और वीडियोग्राफी से पोस्टमार्टम कराया गया। शाम को भैरोघाट पर तीनों का अंतिम संस्कार किया। जूही बसंती नगर निवासी नरेन्द्र शर्मा रविवार रात पिता पूरनचन्द्र शर्मा और मां मिथिला, बेटी निमिषा और बेटे ध्रुव के साथ कमरे में सो रहे थे।

कमरे में जलाई अंगीठी

सर्दी से बचने के लिए उन्होंने कमरे में अंगीठी जला रखी थी। कमरा बंद होने से अंगीठी से निकल रहा धुआं कमरे में भर गया। दम घुटने से नरेन्द्र, पूरनचन्द्र शर्मा और मिथिला की मौत हो गई थी। हालांकि दूधवाले के पहुंचने पर निमिषा और ध्रुव को अस्पताल ले जाया गया, जिससे उनकी जान बच गई।

एक साथ उठी तीन अर्थियां

मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद एक साथ तीन अर्थियां उठीं तो बेटी निमिषा और बेटे ध्रुव व रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। 12 मार्च को निमिषा की शादी होनी है। छोटे बेटे रामजी ने माता-पिता के साथ भाई नरेंद्र का अंतिम संस्कार किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार तीनों की मौत दम घुटने से हुई, उनकी श्वास नली में कार्बन भरा मिला।

अंगीठी जलाकर सोना है जानलेवा

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डा. आनंद कुमार का कहना है कि सर्दी से बचने के लिए बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोना जानलेवा हो सकता है। इसके चलते ही बसंती नगर में तीन लोगों की मौत हो गई।

इन वजह से घुटता है दम

डा. आनंद कुमार ने बताया कि बंद कमरे में अंगीठी जलाने से ऑक्सीजन खत्म हो जाती है। कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है। कार्बन मोनोऑक्साइड जहरीली गैस है इससे खून गाढ़ा होने लगता है, जिससे फेफड़ों और दिल की कार्यक्षमता प्रभावित होने से मौत हो जाती है।

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