एसी ऑफिस में नहीं फील्ड में उतरें अधिकारी, जानें कृषि मंत्री गणेश जोशी ने क्यों कही यह बात

कृषि और उद्यान विभाग के अफसरों को अब ऑफिस में बैठ कर किसानों के कल्याण की योजना बनाने की बजाय धरातल पर उतर का काम करना होगा। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अफसरों को धरातल पर जाकर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य पोषित योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

कैंट रोड स्थित कैंप कार्यालय में समीक्षा बैठक करते हुए कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि कृषि और उद्यान में वित्तीय वर्ष 2023-24 के आवंटित बजट को तय समय पर खर्च किया जाए। स्वीकृत बजट को समय पर खर्च न करने पर सचिव कृषि को अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। किसानों को पौध, बीज, खाद, कृषि उपकरण, दवाइयां समय पर उपलब्ध कराई जाएं। कौन सी फसल का बीज कब किसानों को मिलना चाहिए और कौन सी खाद, दवाइयां काश्तकारों को दी जानी हैं।

उन्होंने कैलेंडर के अनुरूप बागवानों, किसानों को समय पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। लापरवाही बरतने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री मधु ग्राम योजना के जल्द प्रस्ताव बनाए जाएं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जिन लाभार्थियों की ई-केवाईसी नहीं हो पाई है, उनकी ई-केवाईसी कराई जाए। फूड प्रोसेसिंग पर प्राथमिकता से काम किया जाए। किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए किसान कॉल सेंटर की स्थापना की जाए। बैठक में सचिव कृषि विनोद कुमार सुमन, कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, निदेशक कृषि केसी पाठक, आरके सिंह, महेंद्र पाल आदि मौजूद रहे।

किसानों के नुकसान की जल्द हो भरपाई

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को बारिश, बर्फबारी न होने से किसानों, बागवानों के नुकसान की भरपाई किए जाने के निर्देश दिए हैं। बागवानों और किसानों के लिए ढुलान को रोपवे निर्माण का काम करने के निर्देश दिए। कहा कि मिलेट्स श्रीअन्न की अधिक मांग को देखते हुए मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने को प्रोत्साहित किया जाए।

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