पुतिन ने यूक्रेन में भेजे 16 बेहद घातक विमान, कीव पर मिसाइलें दागने को तैयार
यूक्रेन पर एक बार फिर से रूसी विमान कहर बरपा रहे हैं। रूस ने कम से कम 16 बेहद घातक विमानों को यूक्रेन में हमला करने के लिए भेजा है। यूक्रेन का एयर डिफेंस सिस्टम मंगलवार को कीव पर रूस के मिसाइल हमले को विफल करने में लगा हुआ है। रॉयटर्स ने सैन्य प्रशासन के हवाले से ये जानकारी दी। बढ़ते तनाव के बीच, यूक्रेन की सेना ने पहले ही हवाई अलर्ट जारी कर दिया था और नागरिकों को रूसी मिसाइल हमलों के आसन्न खतरे के बारे में आगाह किया है।
यूक्रेन की वायु सेना के बयानों के अनुसार, रूस ने सोमवार तड़के यूक्रेन पर 35 हमलावर ड्रोनों से बमबारी की थी। अब बमवर्षक विमानों का अलर्ट आया है। यूक्रेनी वायु सेना ने टेलीग्राम के माध्यम से चेतावनी देते हुए कहा, “उन क्षेत्रों में मिसाइल का खतरा है जहां हवाई अलर्ट जारी किया गया है! टीयू-95एमएस विमान से क्रूज मिसाइलें लॉन्च करने का खतरा है। कुल 16 टीयू-95एमएस रणनीतिक बमवर्षक हवा में मंडरा रहे हैं।”
इससे पहले यूक्रेनी एयर डिफेंस सिस्टम ने रूस द्वारा लॉन्च किए गए सभी 35 हमलावर ड्रोनों को सफलतापूर्वक रोका और नष्ट कर दिया था। हालांकि, ड्रोन को मार गिराने के बाद अब रूस ने नई रणनीति अपनाई है। अब यूक्रेन को रूसी मिसाइल हमलों के एक नए और बढ़े हुए खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
मौजूदा स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। यूक्रेनी सेना का कहना है कि क्षेत्र में 16 टीयू-95एमएस रणनीतिक बमवर्षकों की तैनाती हुआ है, जो क्रूज मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए तैयार हैं। यूक्रेनी वायु सेना ने 29 दिसंबर को टीयू-95 के उड़ान भरने की भी सूचना दी थी। उस दिन, रूस ने राजधानी कीव सहित यूक्रेनी शहरों पर हमलों की नई लहर शुरू कर दी, जिसमें 39 लोग मारे गए।
क्यों घातक है Tu-95MS
Tu-95MS को NATO की दुनिया में “भालू” के नाम से भी जाना जाता है। यह एक रणनीतिक बमवर्षक और मिसाइल प्लेटफॉर्म है जो शीत युद्ध के युग से रूसी वायु सेना का एक प्रमुख हिस्सा रहा है। सोवियत संघ द्वारा विकसित, Tu-95MS एक लंबी दूरी का, टर्बोप्रॉप-संचालित बमवर्षक विमान है जिसमें पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न संशोधनों के साथ एडवांस वर्जन तैयार किए गए हैं। Tu-95MS पारंपरिक या परमाणु बम सहित विभिन्न प्रकार के पेलोड ले जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में, इसे क्रूज मिसाइलों को ले जाने के लिए भी तैयार किया गया है, जो इसे भारी सुरक्षा वाले हवाई क्षेत्र में प्रवेश किए बिना काफी दूरी पर लक्ष्य को भेदने की क्षमता देता है।