यूपी का पहला गौ अभ्यारण्य 50 एकड़ में बनके होगा तैयार, इतने करोड़ रुपये की आएगी लागत

मुजफ्फरनगर के तुगलकपुर कम्हेड़ा में 50 एकड़ में यूपी का पहला गौ अभ्यारण्य बनके तैयार होने वाला है। इसके लिए जनवरी की समय सीमा दी गई है। मशीनों की सहायता से, सैकड़ों कर्मचारी इसे पूरा करने में जुटे हैं। दिन-रात अभ्यारण्य का काम चल रहा है। अभ्यारण्य की अनुमानित लागत 64 करोड़ रुपये की है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा इस पर काम अप्रैल में शुरू करवाया गया था। इसमें शुरुआत में 5000 मवेशियों को रखने की क्षमता और एक बायोगैस प्लांट होगा।

ये है खासियत

हालांकि ये एक गौशाला की तरह होगा लेकिन इसे अभ्यारण्य कहा जा रहा है क्योंकि इसमें गायों को बांधा नहीं जाएगा और पूरे क्षेत्र में उन्हें घूमने की आजादी होगी। इस गौ अभ्यारण के चलने के बाद अन्य शहरों में भी इसी तरह की परियोजना पर काम किया जाएगा। इसमें गायों के लिए 18 शेड बनाए जाएंगे। इसमें गाय, बैल और बछड़े रखने के लिए जगह बनाई जाएंगी जो क्षेत्र में घूम सकेंगे।

शेड के अलावा, अभयारण्य में गोदाम, एक गाय उतारने के लिए जगह, एक पशु औषधालय, एक उपकरण शेड, श्रमिकों की सुविधाओं के लिए एक बिल्डिंग, एक केंद्रीय स्टोर और एक पार्किंग भी होगी। इसके गेट पर बाहर गाय की बड़ी मूर्ति लगाई जाएगी। साथ ही इसमें परिसर के अंदर जानवरों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए विद्युत शवदाह गृह भी बनाया जा रहा है।

बायोगैस प्लांट

अभयारण्य के अंदर एक बायोगैस संयंत्र बनेगा और यहां रखे गए 5000 गायों और बैलों के गोबर का उपयोग करके बायो गैस बनाई जाएगी और इससे बनी कंप्रेस्ड बायो गैस को सरकारी गैस एजेंसियों को बेचा जाएगा। मुजफ्फरनगर के जिला मजिस्ट्रेट अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कहा कि इस गैस से बिजली उत्पादन की संभावना भी तलाशी जा रही है और इस प्रकार उत्पन्न बिजली को राष्ट्रीय ग्रिड को बेचा जा सकता है।

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