भीमताल डैम की मरम्मत का काम जल्द होगा शुरू, दरारों के अध्ययन को दिल्ली से पहुंची टीम

वर्षों से खस्ताहाल भीमताल डैम की मरम्मत का काम अब जल्द शुरू होगा। शुक्रवार को दिल्ली से पहुंची जिओ टेक्निकल विशेषज्ञों की टीम ने डैम की दरारें और रिसाव वाली जगहों को जानने के लिए ड्रिलिंग शुरू कर दी। इसके बाद सेंसर फिट किया जाएगा, जिससे विज्ञानी आसानी से डैम पर नजर रख सकेंगे।

करीब 142 वर्ष पुराना भीमताल डैम अपनी उम्र पूर्ण कर चुका है। इसमें जगह-जगह दरारें पड़ गईं हैं। पानी भी रिस रहा है। जगह-जगह आई इन दरारों की वजह से डैम के अस्तित्व को खतरा होने के साथ ही डैम के नीचे की ओर रहने वाले पर्यावरण मित्रों के मकानों पर भी संकट गहराने लगा है।

दरारों को घातक बताते हुए मरम्मत की बात

पूर्व में विज्ञानियों की टीम ने डैम का निरीक्षण कर दरारों को घातक बताते हुए जल्द मरम्मत की बात कही थी। ऐसे में जुलाई महीने में मशीनें भी भीमताल लाई गईं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एक कंपनी से डैम के व्यापक अध्ययन के लिए अनुबंध हुआ है। टीम ने डैम का पोस्ट मानसून निरीक्षण किया गया। दरारों की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी थी।

शुक्रवार को दरारों का अध्ययन करने के लिए भू तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. विनोद कुमार सिंह और सहायक योगेश कुमार टीम के साथ भीमताल पहुंचे और डैम में ड्रिलिंग का काम शुरू कराया।

डॉ. विनोद ने बताया कि कई जगह से पानी का रिसाव हो रहा है। दरारों और डैम के अध्ययन में तीन दिन लगेंगे। पानी के रिसाव का पता चलने के बाद शीघ्र ही मरम्मत का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

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