2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

लखनऊ, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि ट्रिपल आइटी लखनऊ देश का पहला संस्थान है, जिसने नई शिक्षा नीति के तहत डिजिटल बिजनेस के लिए MBA कोर्स शुरू किया। यह विद्यार्थियों को न केवल डिजिटल युग के लिए तैयार कर रहा है, बल्कि डिजिटल इंडिया के मूल आधार को भी साकार कर रहा है। भारत ‘5 डी’ डिमांड, डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी, डिजाइयर और ड्रीम के विकास यात्रा पर चलते हुए विश्व की अर्थव्यवस्था में 11 वें से पांचवें स्थान पर आया है। वर्ष 2030 तक यह दुनिया में तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनेगा। राष्ट्रपति मंगलवार को इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंफार्मेशन टेक्नोलाजी (IIIT) के दीक्षा समारोह को संबोधित कर रहीं थीं।

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मार्स आडिटोरियम में आयोजित समारोह में सात विद्यार्थियों को राष्ट्रपति ने गोल्ड मेडल दिया। बाद में दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया के सबसे युवा देश में से एक है हमारी 55 फ़ीसदी आबादी, 25 वर्ष से कम उम्र की है। हम एक प्रगतिशील और लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं और हमारा सपना है कि 2047 तक भारत एक विकसित देश बने।

उन्होंने कहा कि ये आपका दायित्व है कि न केवल इस विजन के भागीदार बने बल्कि इसे पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व लगा दें। आपको प्रतिज्ञा करनी होगी कि जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे कर रहा हो तो आने वाली पीढियां एक ऐसे भारत में जन्म लें जो संपन्न, समृद्ध और समावेशी हो। परिवर्तन प्रकृति का नियम है। पहले औद्योगिक क्रांति के साक्षी रहे हैं, जो जीवन को आसान बनाने और विकास को आगे बढ़ने का महत्वपूर्ण साधन रहा है।

बकौल राष्ट्रपति, आज हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेते हुए सभी पहलुओं को छू रहे हैं। हेल्थ केयर, एजुकेशन, स्मार्ट सिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्टेशन सभी क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग हमारी दक्षता और कार्य क्षमता को व्यापक कर रहा है। साथ ही अनेक अवसर प्रदान कर रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज हमारा देश दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरा है। पिछले 9-10 वर्षों में अपने देश की बदलती हुई तस्वीर को आपने देखा होगा। हर क्षेत्र में भारत ने अपने युवा ऊर्जा के लिए अनेक संभावनाओं के द्वार खोले हैं। भारत के इस ग्रोथ में उत्तर प्रदेश की संभावनाओं के साथ आपको कार्य करने के अवसर प्रदान कर रहा है। दीक्षा के बाद डिग्री प्राप्त कर रहे युवाओं को उत्तर प्रदेश आमंत्रित करता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2027 तक देश को पांच ट्रिलियन इकोनामिक (यूएस डालर) के बराबर रखने की बात कही है। इसमें उत्तर प्रदेश भी एक ट्रिलियन की इकोनामी बनने की विषय में आगे बढ़ा है। योगी ने कहा कि मेरा यह मानना है यहां पर जो बोर्ड आफ गवर्नर के अध्यक्ष ने जब दीक्षा उपदेश दे रहे थे, अपने उनको सुना और उसे याद रखना जरूरी है। यह उपनिषद का वाक्य है। यह उपदेश केवल उपासना विधि से नहीं है। जागरूक करने और अपने कर्तव्य का निर्माण करने का भी प्रेरणा देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्नोलाजी का उपयोग आपने देखा होगा। बिजनेस के लक्ष्य को भी इस टेक्नोलॉजी के प्रयोग से लक्ष्य को भी प्राप्त करने में आसानी हुई है। लोगों के जीवन में परिवर्तन करने में टेक्नोलाजी किस रूप में करता है। इसमें उत्तर प्रदेश भी आगे आया है। इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में ट्रिपल आईटी को साझेदारी के तौर पर हमेशा आगे आना चाहिए। इससे पहले राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि ट्रिपल आइटी गुणवत्तापरक शिक्षा देने में आगे हैं।

नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की सुविधा भी मिली है। यहां के विद्यार्थियों को अपने उत्थान के साथ समाज के सबसे पीछे के लोगों की उन्नति के विषय में सोचना चाहिए। समारोह में बी.टेक., एम.टेक., एम.बी.ए. और पीजी डिप्लोमा के 317 छात्र- छात्राओं को डिग्री दी गई। इसमें 255 छात्र और 62 छात्राएं रहे। सात छात्र-छात्राओं को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक मिलेगा। संस्थान के निदेशक प्रो. अरुण मोहन शेरी ने स्वागत भाषण दिया। बोर्ड आफ गर्वनर विशद पद्मनाथ मफतलाल ने ट्रिपल आइटी की प्रगति रिपोर्ट पेश किया।

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