महंगाई भत्ते पर सीएम धामी सरकार के फैसले से कर्मचारियों को लगा बड़ा झटका, पढ़ें खबर…

उत्तराखंड में महंगाई भत्ते को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार के फैसले पर अपडेट सामने आया है। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ न देने के वित्त विभाग के फैसले से ऊर्जा निगम के उपनल कर्मचारियों को भी बड़ा झटका लगा है।

अब सचिव ऊर्जा की ओर से वित्त विभाग को उपनल कर्मियों को डीए का लाभ देने को लेकर भेजे गए प्रस्ताव का मंजूर होना मुश्किल नजर आ रहा है। जल्द फैसला न होने पर विद्युत उपनल संविदा कर्मचारी संगठन बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। 

पिछले दिनों अपर सचिव वित्त की तरह से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ न देने के आदेश किए थे। इस आदेश से उपनल कर्मियों को डीए का लाभ देने को लेकर चल रही मुहिम को झटका लगा है।

ऊर्जा निगम के बोर्ड से उपनल कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ देने के आदेश के बाद सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने भी आदेश जारी किया। वित्त की कड़ी आपत्ति के बाद 24 घंटे के भीतर इसे स्थगित कर दिया गया और नए सिरे से प्रस्ताव मांगा था।

कर्मचारियों को वित्त के ताजा आदेश के बाद महंगाई भत्ते देने का प्रस्ताव खटाई में पड़ने का डर सता रहा है। उन्होंने प्रस्ताव रद्द होने पर आंदोलन की तैयारी कर ली है।

शासन पर श्रम कानूनों के उल्लंघन का आरोप

उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन ने शासन पर श्रम कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया। अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि हर छह महीने में श्रम विभाग ही महंगाई सूचकांक के आधार पर परिवर्तनीय महंगाई भत्ते को तय करता है। यदि ये लाभ देना ही नहीं है, तो किन लोगों के लिए ये आदेश किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार ही ये वीडीए तय होता है।

‘अपने आदेश की दोहरी व्याख्या कर रहा शासन’

उपनल कर्मचारियों ने शासन पर अपने ही आदेश की दोहरी व्याख्या करने का आरोप लगाया। अध्यक्ष कवि ने कहा कि फरवरी 2003 के दैनिक वेतन, आउटसोर्स, संविदा कर्मचारियों को नियमित न किए जाने के आदेश की दोहरी व्याख्या हो रही है। एक ओर इस आदेश को आधार बनाते हुए डीए पर रोक लगा दी है। वहीं इस आदेश के बाद हजारों की संख्या में उपनल कर्मियों को नियमित किया गया।

ऊर्जा विभाग की ओर से उपनल कर्मियों को महंगाई भत्ते का लाभ देने का प्रस्ताव वित्त विभाग को समय पर उपलब्ध करा दिया गया है। वित्त विभाग की ओर से जो भी निर्णय लिया जाता है, उसी के बाद आगे इस प्रस्ताव को देखा जाएगा।
आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव ऊर्जा

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