ISRO से पहले चांद पर बड़ा काम करेगा चीन का चंद्रयान, पाकिस्तान भी कर रहा मदद

इसरो के बाद चांद पर अब चीन नया इतिहास दर्ज करने जा रहा है। इसी साल भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारकर दुनिया को चौंका दिया था। भारत का चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान है। वहीं, चांद पर अपना यान उतारकर भारत ने रूस, अमेरिका और चीन की भी बराबरी कर ली है। अंतरिक्ष में दिग्गज एजेंसियों के साथ बराबर आगे बढ़ रही इसरो अब चांद से सैंपल लाने की तैयारी कर रही है। अमेरिकी कंपनी नासा के साथ इस मिशन में इसरो का लक्ष्य कुछ साल में चंद्रयान-4 लॉन्च करने की है। इसमें यान को दक्षिणी ध्रुव पर ही उतारा जाएगा। चांद से सैंपल लाने के अलावा यान चंद्रयान-3 की डीटेल भी लेगा। रिपोर्ट है कि चीन इसरो से पहले ऐसा कारनामा करने जा रहा है और इस मिशन में पाकिस्तान भी उसकी मदद कर रहा है। 

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के अधिकारियों का कहना है कि चंद्रमा से नमूने को एकत्र करके वापस लाने के लिए चीन का चंद्र मिशन अगले साल के लिए तैयार है। चीन की प्लानिंग है कि वो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपने यान को लैंड कराए। चीन का चंद्र मिशन अगले साल के लिए निर्धारित है। इसके लिए बीजिंग सरकार दशक भर से अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने और एक अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन बनाने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। इस काम में उसके साथ पाकिस्तान भी है। पाक अंतरिक्ष वैज्ञानिक चीन के इस मिशन में उसकी मदद कर रहे हैं।

चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने एक बयान में कहा, नया मिशन अगले साल के लिए निर्धारित है। इस मिशन को चांग’ई-6 का नाम दिया गया है। इसकी तैयारी समय अनुसार आगे बढ़ रही है। मिशन के साथ उपग्रह को अगले साल की पहली छमाही में तैनात किया जाएगा। सीएनएसए ने पिछले हफ्ते ही ऐलान किया है कि मिशन को अगले साल के शुरुआती महीनों में लॉन्च किया जाएगा।

चांद पर चीन की क्या-क्या प्लानिंग

चांद पर चीन के मिशन दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा एडवांस है। चीन पहला देश है, जिसने 2019 में चांद के सुदूर इलाकों में लैंडिंग कराई थी। चीन ने पिछले साल ही एक अंतरिक्ष स्पेस सेंटर भी तैयार कर लिया है। इस स्टेशन को उसने तियांगोंग नाम दिया है। अगले साल चीन चांद से सैंपल कलेक्ट करने की प्लानिंग कर रहा है। इसके लिए उसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की योजना बनाई है। 2030 तक चीन की चांद पर इंसान मिशन की भी प्लानिंग है।  

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