छह दिन तक स्कूल नहीं आने पर बच्चों के घर जाएंगे शिक्षक, सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश
बच्चों की परिषदीय विद्यालयों में उपस्थिति कम होने पर शासन गंभीर है। इसे लेकर दो बार सैकड़ों विद्यालयों के कर्मचारियों का वेतन रोका भी जा चुका है। मगर हालात नहीं सुधर रहे हैं। ऐसे में अब विभाग ने निर्णय लिया है कि जो भी बच्चा तीन दिन विद्यालय नहीं आएगा तो गुरुजी उसके अभिभावकों को फोन करेंगे। वहीं छह दिन तक स्कूल नहीं आने पर गुरुजी बच्चों के घर जाएंगे। उनके माता-पिता को प्रेरित करेंगे कि वह बच्चों को स्कूल जरूर भेजें। इस संबंध में बीएसए ने सभी शिक्षकों को निर्देश दिए हैं।
करीब 350 विद्यालयों के स्टॉफ को रोका गया था वेतन:
बाराबंकी जिले में 2626 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें करीब तीन लाख बच्चे पंजीकृत हैं। लेकिन विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति को लेकर शासन स्तर पर की गई समीक्षा में जिले की स्थिति काफी खराब पाई गई थी। शासन स्तर पर छात्रों की उपस्थिति को लेकर पहली व दूसरी समीक्षा में जिले की रैंकिंग प्रदेश में बहुत खराब थी। ऐसे में बीएसए ने 30 प्रतिशत से कम छात्र उपस्थिति व वाले करीब 350 स्कूलों के सभी स्टॉफ का वेतन रोक दिया था। जिससे हड़कंप मचा था।
स्कूल नहीं आने वाले छात्रों की बनाई जा रही सूची:
महा निदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश के बाद बीएसए ने भी सभी स्कूलों में छात्र उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। इसके तहत तीन दिन स्कूल नहीं आने वाले छात्रों के घर पर फोन पर शिक्षक उनके माता-पिता से बच्चे के विद्यालय नहीं आने का कारण पूछेंगे और उन्हें बच्चों को नियमित स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। यदि कोई छात्र छह दिन लगातार स्कूल नहीं आ रहा तो शिक्षक उसके घर जाएंगे और उनके माता-पिता से मुलाकात करेंगे। छात्र के विद्यालय नहीं आने का कारण जानेंगे। साथ ही उनका समाधान निकाल कर अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने केलिए प्रेरित करेंगे। विभाग द्वारा विद्यालयवार ऐसे छात्रों को चिंहित करने के लिए उनकी सूची बनवाई जा रही है। विभाग का लक्ष्य छात्र उपस्थिति 70 फीसद तक करने का लक्ष्य है।
अधिकारी बोले
बाराबंकी बीएसए संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया कि सभी स्कूल के शिक्षकों को विद्यालयों में छात्र उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिये गए हैं। स्कूल नहीं आने वाले छात्रों के घर शिक्षक जाएंगे और उनके अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। फिलहाल स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है।