लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए प्रत्याशी का चुनाव करना मुश्किल, पढिए खबर…

मथुरा लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा के लिए प्रत्याशी का चुनाव बहुत आसान नहीं होगा। अभी से बाहरी सेलिब्रिटी के नाम पर चर्चा ने स्थानीय दावेदारों को सक्रिय कर दिया है। बाहरी प्रत्याशी का विरोध तक करने की तैयारी चल रही है।

सभी पदों पर है भाजपा का कब्जा

जिले में वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर सभी विधानसभा और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भाजपा का ही कब्जा है। जातिगत गणित के हिसाब से भी यहां पार्टी ने ठीक सामंजस्य बिठाया है। विधानसभा की पांचों सीटों पर जीत हासिल करने के बाद अब मुख्य लड़ाई लोकसभा की है।

दो बार से लगातार यहां फिल्म अभिनेत्री हेमामालिनी सांसद हैं। उनकी उम्र 75 हो गई है, ऐसे में उनके चुनाव फिर से लड़ने पर संशय है। यही कारण है कि प्रत्याशी के लिए फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौट और नितीश भारद्वाज का नाम भी चर्चा में आ गया है। साथ ही, टिकट पाने को स्थानीय नेताओं की लंबी कतार है।

नेताओं की लंबी फेहरिस्त

जिला पंचायत अध्यक्ष किशन चौधरी, पूर्व सांसद तेजवीर सिंह, सविता सौरोत, पूर्व विधायक कारिंदा सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के भी इस बार लोकसभा में दावेदारी करने की चर्चा है, हालांकि उनकी ओर से अभी तक अधिकृत दावा नहीं किया गया है।

ब्राह्मण वर्ग में एक बड़ा नाम शोभाराम शर्मा का भी चर्चा में है। उनके समर्थक कहते हैं, वह विभिन्न ब्राह्मण संगठनों से जुड़कर कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा छवि भी साफ-सुथरी है। ग्रामीण क्षेत्र में पकड़ है, इसलिए उनकी दावेदारी मजबूत है। कथा वाचक पंकज शास्त्री का भी नाम तेजी से चर्चा में है। इसके पीछे कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के घर में उनकी पहुंच को माना जा रहा है।

बाहरी व्यक्ति के प्रत्याशी पर तनातनी

अब पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष मधु शर्मा भी दावेदार हो गई हैं। वह कहती हैं कि इस लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक ब्राह्मण मतदाता हैं। ऐसे में उनकी दावेदारी मजबूत हैं। संगठन छोड़ दिया है और इसके अलावा कोई और पद नहीं लिया। वह कह रही हैं कि बाहर के व्यक्ति को प्रत्याशी क्यों बनाया जाए। 

कार्यकर्ता पार्टी के लिए रात-दिन मेहनत करते हैं, उन्हें उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया जा रहा है। बाहरी प्रत्याशी और वह लोग जिन्हें पार्टी ने महत्वपूर्ण पद दिया है, अगर उन्हें प्रत्याशी बनाया जाएगा, तो निश्चित तौर पर विरोध करेंगे। चाहे हमें निर्दलीय ही प्रत्यशी क्यों न बनना पड़े। मधु शर्मा की इस बात से ये तो तय है कि पार्टी के लिए इस बार प्रत्याशी का चयन आसान नहीं होगा।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker