स्मृति ईरानी ने महादेव ऑनलाइन बैटिंग ऐप को लेकर भूपेश बघेल पर लगाया गंभीर आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने पैसे का लेन-देन करने के एक आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। इस शख्स ने आरोप लगाया है कि महादेव बैटिंग ऐप के प्रवर्तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक 508 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुके हैं। इसको लेकर स्मृति ईरानी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई।
सीएम भूपेश बघेल को लेकर कई बड़े दावे
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में स्मृति ईरानी ने कहा कि सत्ता में रहकर सट्टा का खेल जारी है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, “कल देश के सामने भूपेश बघेल से जुड़े चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। असीम दास नाम के शख्स के पास से 5.30 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जब्त की गई। क्या यह सच है कि कांग्रेस नेताओं को असीम दास के माध्यम से शुभम सोनी से पैसे मिले? क्या यह सच है कि असीम दास को शुभम सोनी ने रायपुर जाने और चुनावी खर्च के रूप में बघेल को पैसे देने का आदेश दिया था?”
शुभम सोनी ने भेजे पैसे
स्मृति ईरानी ने कहा, “असीम दास ने अपने बयान में कबूल किया है कि वह आदेश के मुताबिक दुबई आया था। उसे आदेश दिया गया था कि कांग्रेस के चुनाव खर्च के लिए पैसे दिए जाएं। असीम दास ने कबूल किया है कि यह पैसा महादेव ऐप के तहत अवैध सट्टेबाजी का है। असीम दास ने कबूल किया है कि शुभम सोनी महादेव ऑनलाइन बुक के शीर्ष स्तर के प्रबंधन का हिस्सा है।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी हवाला ऑपरेटरों का इस्तेमाल कर छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस और आंध्र प्रदेश बीजेपी के प्रशासनिक दायरे में नहीं आते हैं। तो क्या भूपेश बघेल अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं?”
भूपेश बघेल को दी 538 करोड़ रुपये की रिश्वत
स्मृति ईरानी ने कहा, “ये तथ्य चौंकाने वाला है कि जिस शुभम सोनी के बारे में असीम दास ने बयान दिया है, ये माना जा रहा है कि जांच एजेंसी के पास शुभम सोनी की आवाज में भी सुबूत उपलब्ध हैं। एक लिखित बयान में ये कहा गया है कि महादेव ऐप के प्रमोटर्स ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 538 करोड़ रुपये रिश्वत दी है।”
उन्होंने कहा, “लेकिन ये एकमात्र ऐसी जानकारी नहीं है, बल्कि एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। महादेव ऑनलाइन बुक एप के प्रमोटर्स प्रशासन और कांग्रेस के नेताओं से जो संरक्षण चाहते थे, वो चंद्रभूषण वर्मा नाम के एक अधिकारी के माध्यम से भी प्रोटेक्शन मनी भेजते थे। चंद्रभूषण वर्मा ने अब तक 65 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर हैंडल किए हैं।”