SC ने सुकेश की पत्नी की जमानत याचिका पर सुनवाई से किया इनकार, जानिए कारण…
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 200 करोड़ रुपये की वसूली मामले में सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekar) की पत्नी लीना पॉलोज की जमानत याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने पाया कि लीना पॉलोज (Leena Paulose) के खिलाफ आरोप गंभीर हैं। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि पिछली बार दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद से परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
सर्वोच्च अदालत की पीठ ने कहा- आरोप काफी गंभीर हैं, क्षमा करें। हमने फैसला ले लिया है। हाईकोर्ट पहले ही मामले की समीक्षा कर चुका है। जमानत देने में अदालत की अनिच्छा को देखते हुए लीना पॉलोज (Leena Paulose) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आर बसंत ने याचिका वापस ले ली।
वहीं शीर्ष अदालत ने मामले को वापस लिया गया मानकर इसको खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता का कहना है कि वकील को मामले में आगे न बढ़ने के निर्देश हैं। ऐसे में याचिका अप्रभावित मानते हुए खारिज की जाती है।
मालूम हो कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 11 जुलाई को पॉलोज की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने पॉलोज की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि जांच से पता चला है कि दंपति ने संगठित अपराध सिंडिकेट चलाने में मिलकर काम किया और अपराध से प्राप्त आय का इस्तेमाल अपने व्यवसाय और अन्य हितों को बढ़ावा देने के लिए किया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि जांच से पता चला है कि अपराध की आय का इस्तेमाल हवाई यात्रा और बॉलीवुड हस्तियों के लिए महंगे ब्रांडेड उपहारों की खरीद के लिए किया गया। दिल्ली पुलिस ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों शिविंदर सिंह और मालविंदर सिंह की पत्नियों से उनके पतियों की जमानत कराने का वादा करके कथित तौर पर 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
सुकेश चंद्रशेखर पर दो व्यवसायी भाइयों की पत्नियों को धोखा देने के लिए खुद को कानून मंत्रालय के एक अधिकारी के रूप पेश करने का आरोप है। आरोपियों के खिलाफ देशभर में और भी कई आरोपों की जांच चल रही हैं। चंद्रशेखर और पॉलोज ईडी की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी एक्शन का सामना कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने दोनों को रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों शिविंदर सिंह और मालविंदर सिंह की पत्नियों एवं अन्य लोगों से जुड़े जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार किया था।