ऋषिकेश: त्रिवेणी घाट की सूरत हुई बदरंग, चारों ओर लगे हैं रेत के ढेर, छठ पूजा बनी बड़ी चुनौती

तीर्थनगरी ऋषिकेश की हृदयस्थली त्रिवेणी घाट पर मानसून काल में गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाट पर रेत व मलबा भर गया था। मगर, लंबा समय बीत जाने के बाद भी यह रेत के ढेर यहां से हटाए नहीं जा सके। त्रिवेणी घाट पर गंगा आरती के अलावा तमाम आयोजनों में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों को यहां बिखरी रेत से परेशानी तो उठानी ही पड़ रही है। इस वर्ष जुलाई व अगस्त माह में हुई भारी वर्षा से गंगा का जलस्तर बढ़ गया था।

अगस्त माह के मध्य में तो गंगा का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया था, जिससे ऋषिकेश का त्रिवेणी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गया था। बाढ़ का पानी तो कुछ दिनों में उतर गया, मगर, त्रिवेणी घाट पर जहां-तहां रेत और मलबे के ढेर लग गए।

अभी तक नहीं हटा है मलबा

त्रिवेणी घाट के आरती स्थल और उसके आसपास से रेत का मलबा हटा लिया गया। लेकिन आस्था पथ से पहले, जल पुलिस चौकी के सामने और नाव घाट से रेत का मलबा अभी तक नहीं हट सका है। गंगा में डुबकी लगाकर और जल आचमन के बाद पक्के घाट की ओर आने वाले श्रद्धालुओं को इस रेत से होकर गुजरना पड़ रहा है। जिससे श्रद्धालुओं को भी असुविधा हो रही है।

छठ पूजा के लिए घाट तैयार करना बड़ी चुनौती

पिछले लंबे समय से त्रिवेणी घाट पर रेत व मलबे के ढेर लगे हुए हैं। इस अव्यवस्था के बीच श्राद्ध पक्ष, नवरात्रि तथा दशहरे का महत्वपूर्ण मेला संपन्न हो गया। मगर, अब छठ पूजा के लिए त्रिवेणी घाट को तैयार करना किसी चुनौती से कम नहीं है।

छठ पूजा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी घाट पर पहुंचते हैँ। यहां छठ पूजा पर अस्तांचलगामी व उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ श्रद्धालु गंगा घाट पर पूजा-अर्चना करते हैं। छठ पूजा समिति के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी यहां मुख्य प्लेटफार्म पर आयोजित होते हैं। ऐसे में छठ पूजा के लिए घाट तो तैयार कर पाना एक बड़ी चुनौती है।

जी-20 की चमक हुई गायब

सितंबर माह में नरेंद्रनगर में हुई जी-20 की बैठक के दौरान त्रिवेणी घाट पर मेहमानों को त्रिवेणी घाट पर गंगा आरती कराई गई थी। जी-20 के लिए त्रिवेणी घाट को दुल्हन की तरह सजाया गया था। यहां सुंदरीकरण के साथ सुंदर गमले, सेल्फी प्वाइंट बनाए गए थे। बैठने के लिए खूबसूरत बेंच और जगह-जगह डस्टबिन भी लगाए गए थे।

त्रिवेणी घाट पर अव्यवस्थाएं हुई हावी

कुल मिलाकर त्रिवेणी घाट का यह रूप सभी को आकर्षित कर रहा था। मगर, सही रखरखाव न होने से त्रिवेणी घाट का यह रंग कुछ ही दिन में फीका पड़ गया। जबकि रही कसर गंगा की बाढ़ ने पूरी कर दी। अब एक बार फिर त्रिवेणी घाट पर अव्यवस्थाएं हावी हो गई है। त्रिवेणी घाट के मुख्य प्लेटफॉर्म तथा आरती स्थल के आसपास व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। कहीं फूल बेचने वाले तो कहीं मछली की गोलियां, खिलौने, चाट, गोलगप्पे, प्लास्टिक केन बेचने वालों ने अपनी दुकानें सजा दी हैं।

अधिकारी ने कही ये बात

त्रिवेणी घाट तथा आसपास के पक्के प्लेटफार्म पर जमा उप खनिज के उठान के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। इसके लिए खनन विभाग, राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग की ओर से संयुक्त सर्वे कराया गया था। यहां 1253.7 टन उप खनिज जमा है। 27 अक्टूबर को टेंडर प्रक्रिया के बाद तत्काल इसे हटाया जाएगा। – योगेश सिंह मेहरा, उपजिलाधिकारी, ऋषिकेश

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