गाजा में जमीनी हमले से क्यों कतरा रहा ताकतवर इजरायल, जानिए वजह…
हमास के खिलाफ जंग में भले ही इजरायली सेना आतंकियों पर भारी लग रही हो लेकिन, युद्ध शुरू होने के 19 दिन बाद भी आईडीएफ ने गाजा पट्टी पर जमीनी हमला शुरू नहीं किया है। इजरायली सेना ने जमीनी हमला भले ही न किया हो लेकिन, तैयारी पूरी है। तीनों छोर से गाजा पट्टी को घेर लिया है। इस बीच हवाई हमले लगातार किए जा रहे हैं। सबसे बड़ा हवाई हमला सोमवार रात को अंजाम दिया गया, जहां रातभर छोड़े गए रॉकेट हमले में 700 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। यह इजरायल का अब तक का सबसे बड़ा हमला है। सेना ने बयान दिया है कि जमीनी आक्रमण के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं, बस सही वक्त का इंतजार है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की ऐसी क्या मजबूरी है जो उनकी सेना को गाजा पर जमीनी हमले से रोक रही है? चार पॉइंट से समझते हैं…
7 अक्टूबर की सुबह इजरायल के लिए झटका देकर आई थी, जब हमास आतंकियों ने बड़ी प्लानिंग के तहत महज 20 मिनट में 5000 रॉकेट छोड़कर इजरायली धरती में कहर बरपाया। रॉकेट हमले के बाद फिलिस्तीनी आतंकी सीमा के अंदर घुस गए और कई इजरायली गांवों में जमकर कत्लेआम किया। एक म्यूजिक फेस्टिवल में 250 लोगों की लाश बिछा दी। सीमा के पास एक गांव में 40 बच्चों समेत कई लोगों के सिर कलम कर दिए। इसके अलावा 200 से अधिक लोगों को अपहरण कर अपने साथ ले गए। कुछ घंटों में इजरायल को अपने 1700 लोगों की जान गंवानी पड़ी।
अपनी इस क्रूरता का अंजाम हमास युद्ध के 19 दिन बाद भी भुगत रहा है। हमास आतंकियों द्वारा शुरू किए इस हमले को इजरायली सेना अंजाम तक पहुंचाने में जुटी है। 7 अक्टूबर को हुए हमले के जवाब में इजरायली सेना अभी तक हमास के कई आतंकियों को मौत के घाट उतार चुकी है। बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि हमास के खात्मे तक इजरायली सेना नहीं रुकेगी। अभी तक 100 से ज्यादा हमास के ठिकानों को बर्बाद किया जा चुका है। जबकि, दर्जनों आतंकियों को मारा जा चुका है। हम पर जो हमला करेगा, उसे नहीं छोड़ा जाएगा।
गाजा पर जमीनी हमले में देरी क्यों
इजराइली सेना ने घोषणा कर दी है कि हम गाजा पट्टी पर जमीनी हमला कभी भी कर सकते हैं, बस अच्छी स्थिति का इंतजार किया जा रहा है। इजरायली सेना का अच्छी स्थिति से मतलब उन परिस्थितियों से है, जब गाजा में वह जमीनी आक्रमण शुरू करेगा। मीडिया रिपोर्टों और विशेषज्ञों की मानें तो अंतरराष्ट्रीय दबाव, हिजबुल्लाह, मुस्लिम देशों की नाराजगी और बंधकों की चिंता ने इजरायली सेना को अभी तक जमीनी आक्रमण से रोके रखा है।
बंधकों की सुरक्षा का डर
विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायली सेना का गाजा में जमीनी हमला न शुरू करने के पीछे सबसे बड़ी वजह बंधकों की सुरक्षा है। इजरायली सेना को अभी मालूम नहीं है कि हमास के आतंकियों ने बंधकों को कहां-कहां रखा है। ऐसी जानकारी जरूर मिली है कि बंधकों को एक साथ नहीं अलग-अलग जगह पर रखा गया है। इजरायली सेना को डर है कि अगर वह हमास के खिलाफ जमीनी हमला शुरू कर देती है तो उसके नागरिकों की जान का खतरा ज्यादा है।
हमास और बंधकों में पहचान की समस्या
इजरायली सेना अगर हमास के खिलाफ जमीनी आक्रमण शुरू कर देती है तो उसके सामने सबसे बड़ी समस्या आम नागरिकों, बंधकों और हमास आतंकियों के बीच पहचान हो सकती है। आईडीएफ को गाजा में जमीनी ऑपरेशन के दौरान यह मुश्किल आ सकती है कि अगर उसने हमास के खिलाफ जमीन पर जंग शुरू की तो इसमें अनजाने में आम नागरिकों की जान को ज्यादा खतरा हो सकता है, इसलिए इजरायल जमीनी हमला रोके हुए है।
अमेरिकी दबाव
बेंजामिन नेतन्याहू के लिए गाजा में जमीनी हमला शुरू न करने के पीछे अमेरिकी सलाह भी है। इजरायल हमास के बीच चल रहे युद्ध के जानकारों का कहना है कि अमेरिका नहीं चाहता कि इजरायल अभी गाजा में जमीनी हमला शुरू करे। एक तो इससे बंधकों की जान जाने का खतरा है ही, जिसमें उसके नागरिक भी हो सकते हैं। इसके अलावा अमेरिका नहीं चाहता कि विश्व की नजर में इजरायल की छवि गलत पेश की जाए। पहले ही हमास अस्पताल, मस्जिद अटैक और आम नागरिकों की हत्या का आरोप इजरायल पर मढ़ चुका है।
मुस्लिम देशों की नाराजगी
हमास के खिलाफ लड़ाई में पहले ही ईरान, सऊदी अरब, लेबनान और सीरिया समेत कई मुस्लिम देश इजरायल के खिलाफ बोल रहे हैं। इजरायल का ग्राउंड अटैक उसके लिए और परेशानी बढ़ा सकता है। इसके अलावा हिजबुल्लाह भी गाजा में इजरायल पर आम लोगों के नरसंहार का आरोप लगाकर युद्ध में कूदने का तर्क दे चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये भी एक बड़ी वजह है कि इजरायल ने जमीनी हमला अभी रोका हुआ है।