इजरायल-हमास युद्ध को लेकर सोशल मीडिया पर एडिटेड वीडियो और तस्वीरें वायरल
यरुशलम। इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध को आज 15 दिन हो गए हैं। इजरायल-हमास युद्ध के 15 दिन के बाद भी इजरायल और गाजा में हालात काफी खराब हैं। इस युद्ध में दोनों और से हजारों लोगों की जानें जा चुकी हैं और लाखों लोगों को बेघर होना पड़ा है।
इस बीच युद्ध से ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, जो काफी परेशान करने वाले हैं। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास आतंकियों द्वारा इजरायल पर की गई कार्रवाई के बाद से सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं, जिसे झूठे दावों के साथ पेश किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे फर्जी दावे
दरअसल, 7 अक्टूबर को शुरू हुए इजरायल-हमास युद्ध के बाद इसे बढ़ावा देने वाली वीडियो और तस्वीरों की सोशल मीडिया पर बाढ़ आ गई है। सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा झूठे दावों के साथ वीडियो या तस्वीरों को वायरल किया जा रहा है। कुछ मीडिया चैनल का वीडियो यह बताकर वायरल किया जा रहा है कि एक शीर्ष इजरायली कमांडर का अपहरण कर लिया गया और उसे मनगढंत बताकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया गया। यही नहीं इस वीडियो में आगे एक गलत कैप्शन का इस्तेमाल करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पुरानी फुटेज को भी दिखाया गया है।
तुर्किये के राष्ट्रपति की धमकी का वीडियो फेक दावे के साथ वायरल
इसके अलावा एक अन्य वीडियो को यह बताकर वायरल किया जा रहा है कि तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इजरायल-हमास युद्ध में हस्तक्षेप की धमकी दी है। जबकि सच्चाई यह है कि तुर्किये के राष्ट्रपति ने ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया गया है।
वहीं, वॉशिंगटन थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के मध्य पूर्व विशेषज्ञ स्टीवन कुक ने वायरल वीडियो की सच्चाई से पर्दा हटाया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस युद्ध में हस्तक्षेप करने की धमकी नहीं दी। जबकि वीडियो को यह बताकर वायरल किया जा रहा है कि उन्होंने इजरायल के सैन्य अभियान को रोकने के लिए दुनिया भर के देशों से दबाव डालने की अपील की है।
अल-अहली अस्पताल पर हमले को लेकर भी उठाए सवाल
इसके अलावा एक अरबी में लिखी एक सोशल मीडिया पोस्ट को यह बताकर वायरल किया जा रहा है कि गाजा के अल-अहली अस्पताल पर जो हमला हुआ, उसे इजरायल ने अंजाम दिया था। गलत तथ्य को इजरायली सेना के एक फेक अकाउंट से पोस्ट किया गया था। जबकि सच्चाई यह है कि ऐसा कोई भी पोस्ट इजरायली सेना द्वारा नहीं किया गया है।