उत्तराखंड: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट, इस समय हो रही सबसे ज्यादा मौतें…

उत्तराखंड में  सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मौतें हो रहीं हैं। सुबह-शाम घर से ऑफिस और ऑफिस से घर भागने की जल्दी लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में दिन में तीन से रात नौ बजे तक सड़क हादसों का ग्राफ सबसे ज्यादा रहता है।

शाम छह से नौ बजे जब लोग दफ्तरों या काम से घर लौटते हैं तो ये चरम पर होता है। रात दस बजे बाद ही इसमें कमी आती है। रिपोर्ट में साल-2021 में हुई 1405 दुर्घटनाओं का विश्लेषण किया गया है। अध्ययन बताता है कि सुबह होते ही हादसे तेजी पकड़ते हैं और दिन में 12 बजे तक ये क्रम चलता है।

इस दौरान नौ से 12 बजे तक के तीन घंटों में सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। इसके बाद तीन बजे तक हादसों की संख्या गिरने लगती है। लेकिन तीन बजे से रात नौ बजे तक आंकड़ा बढ़ता ही जाता है। सबसे ज्यादा हादसे छह से नौ बजे के बीच होते हैं।

शाम के समय में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ने की कई वजह हैं। शाम को विजिबिलिटी कम होना, कामकाजी लोगों में थकान होना, शराब आदि नशे का सेवन करना भी सड़क दुर्घटनाओं की प्रमुख वजहें हैं। कई बार गंतव्य तक पहुंचने की जल्दबाजी भी दुर्घटना का कारण बनती है।

शाम को हो रहे हादसों की वजह कामकाजी लोगों का थकान के बावजूद जल्दबाजी में घर भागना है। थकान की स्थिति में मस्तिष्क और शरीर का समन्वय गड़बड़ा जाता है, इसलिए ऑफिस से निकलते ही 2 से 4 मिनट टहलना चाहिए, ताकि शरीर को आराम मिले।

अक्सर जल्दबाजी के चक्कर में सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में जंगली जानवर भी हादसों का कारण बनते हैं। यातायात नियमों और सुरक्षित सफर को लेकर लोगों को नियमित तौर पर जागरूक किया जाता है।
रश्मि भट्ट, सदस्य, जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति, नैनीताल

उत्तराखंड में समयवार सड़क दुर्घटनाओं का ब्योरा

समय                                दुर्घटनाएं
सुबह छह से नौ बजे तक       119
सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक 193
दोपहर 12 बजे तीन बजे तक 179
दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक 225
शाम छह बजे से रात नौ बजे तक 271
रात नौ बजे से रात 12 बजे तक 164
रात 12 बजे से सुबह तीन बजे तक 60
सुबह तीन बजे से सुबह छह बजे तक 60 (नोट 134 हादसों का सही समय पता नहीं लग सका।)

शाम को हादसों के कारण

ऑफिस से घर पहुंचने की जल्दबाजी
सड़कों पर अत्यधिक ट्रैफिक होना
शराब आदि का अधिक सेवन
हाईवे पर जंगली या लावारिस जानवर
ठंड के दिनों में कोहरा और धुंध

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