बैंक लॉकर में रखें कैश पर कितना मिलेगा मुआवजा, जानें RBI के नियम…
हाल ही में बैंक ऑफ बड़ौदा की एक शाखा में अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है। बैंक के लॉकर में रखें 18 लाख रुपये के कैश को दीमक ने चट कर दिया। यह मामला तब सामने आया जब खाताधारक ने लॉकर खोला तो उसमें दीमक लगे गले नोट मिले। इसके बाद खाताधारक ने बैंक के शाखा प्रबंधक को शिकायत की जिसके बाद जांच शुरू हो गई है। अब ऐसे में सवाल आता है कि क्या खाताधारक को मुआवजा मिलेगा या नहीं?
इसी तरह का एक मामला हरियाणा के अंबाला में भी देखने को मिली। यहां सरकारी बैंक के लॉकर में चोरी की घटना सामने आई है। आइए, आज हम आपको भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा बनाए गए बैंक लॉकर नियम के बारे में विस्तार से बताते हैं।
आरबीआई के गाइडलाइन
पिछले साल यानी 2022 में केंद्रीय बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के अनुसार जनवरी 2023 तक सभी लॉकर धारक को अपने लॉकर एग्रीमेंट को रिवाइज करना था। इसके बाद बैंक को अपने लॉकर की वेटिंग लिस्ट और खाली लॉकर की लिस्ट आरबीआई को देनी थी। इसके अलावा बैंक में कोई भी ग्राहक केवल 3 साल तक के लिए लॉकर ले सकता है। अगर लॉकर में रखें सामान को किसी भी तरह की कोई क्षति पहुंचती है तो बैंक ग्राहकों को हुए नुकसान की भरपाई करेगा।
ग्राहक को भी बैंक के लॉकर के नियमों का पालन करना होगा। अगर ग्राहक बैंक के नियमों का पालन करते हुए सामान रखते हैं तो बैंक उनके नुकसान की भरपाई अवश्य करेगा। इसी के साथ बैंक को अपने परिसर की सुरक्षा की ओर भी ध्यान देना होगा। ऐसे में अब सवाल है कि बैंक के लॉकर में क्या-क्या सामान रख सकते हैं?
लॉकर में क्या रख सकते हैं?
कोई भी ग्राहक बैंक के लॉकर में जेवर, दस्तावेज, लीगल सामान ही रख सकते हैं। इन सामानों की चोरी या कोई और दुर्घटना होने पर बैंक द्वारा नुकसान की भरपाई की जाएगी। वहीं, अगर लॉकर में कैश, विदेशी मुद्रा, हथियार, ड्रग्स, या अन्य प्रकार की दवाएं जैसे सामान नहीं रख सकते हैं। अगर ऐसा कुछ रखते हैं तो कोई भी नुकसान की भरपाई नहीं की जाएगी।
इसका मतलब है कि बैंक ऑफ बड़ौदा के लॉकर में हुई घटना में खाताधारक को किसी भी प्रकार का कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। वहीं, अंबाला में हुई बैंक लॉकर की चोरी में खाताधारक को मुआवजा मिलेगा।
कितना मिलेगा मुआवजा
बैंक ग्राहक को केवल किराए का 100 गुना ही मुआवजे के तौर पर देगा। अगर कोई ग्राहक अपने लॉकर में निर्धारित वार्षिक किराए से 100 गुना ज्यादा सामान रखता है फिर भी बैंक केवल किराए का 100 गुना ही देगा।