पाकिस्तान ने IMF के बाद सऊदी अरब और चीन से इतने अरब की मांगी मदद
गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान में कार्यवाहक सरकार के लिए देश चलाना मुश्किल हो रहा है। पाकिस्तान आए दिनों अलग-अलग देशों के सामने भीख का कटोरा फैलाए नजर आ जाता है। इस कड़ी में पाकिस्तान ने फिर से सऊदी अरब और चीन के आगे हाथ फैलाया है, ताकि वहां आर्थिक स्थिरता लाई जा सके और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का बेलआउट कार्यक्रम पटरी पर रहे। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने घरेलू और विदेशी मुद्रा भंडार के अंतर को कम करने की कोशिश में चीन और सऊदी अरब से 11 अरब अमेरिकी डॉलर की मदद मांगी है।
पाकिस्तान के कार्यवाहक सरकार ने खुदरा, कृषि और रियल एस्टेट क्षेत्रों में कर दायरे को प्रभावी ढंग से विस्तारित करने और अवैध मुद्रा की आवाजाही के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने के दबाव के बीच यह मांग की है। द डॉन अखबार में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि यह जानकारी इस्लामाबाद में बृहस्पतिवार को सीनेटर सलीम मांडवीवाला की अध्यक्षता में वित्त और राजस्व पर सीनेट की स्थायी समिति के समक्ष कार्यवाहक वित्त मंत्री शमशाद अख्तर द्वारा जारी एक विस्तृत नीति बयान का हिस्सा है।
अख्तर ने कहा कि सरकार मौजूदा समय में एक आर्थिक पुनरुद्धार योजना पर काम कर रही है, जिसे जल्द ही कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार उल हक काकर के सामने पेश किया जाएगा और वित्त पर सीनेट की स्थायी समिति के साथ साझा किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि कार्यवाहक सरकार के पास व्यापक ढांचागत सुधार करने की सीमित गुंजाइश थी, लेकिन उन्होंने उन सुधारों को पूरा करने का वादा किया, जो 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर की ऋण किस्त का वितरण सुनिश्चित करने के लिए आईएमएफ के कार्यक्रम का हिस्सा थे। अख्तर ने बताया कि आईएमएफस से इस संबंध में वार्ता अक्टूबर के अंत में शुरू होगी।