सनातन धर्म पर विवादित बयान को लेकर हरिद्वार में अखाड़ा परिषद की बैठक
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी (महानिर्वाणी) ने कहा कि सनातन धर्म के खिलाफ विभिन्न लोगों की बयानबाजी राजनीतिक संकट है, वोट और धुर्वीकरण की राजनीति है। सनातन सबसे प्राचीन है। जब तक सूर्य रहेगा, तक तक सनातन रहेगा। यह बातें उन्होंने अखाड़ा परिषद की बैठक में कही।
बुधवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की कनखल स्थित श्री पंचायती निर्मल अखाड़े में बैठक हुई। संतों ने बंद कमरे में करीब दो घंटे बैठक के प्रस्तावों पर चर्चा की। बैठक के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी (महानिर्वाणी) ने कहा कि कर्नाटक और केरल के मंत्री सनातन धर्म पर बयानबाजी कर रहे है।
अखाड़ा परिषद की बैठक में उन मंत्रियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया है। साथ ही भगवान हनुमान के भित्तिचित्र पर हुए विवाद को लेकर स्वामीनारायण संप्रदाय के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया है। वहीं, बैठक में हिंदू धर्म के ग्रंथ में वर्णित बातों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने पर भी निंदा प्रस्ताव संतों ने सर्वसम्मति से पारित किया है।
बैठक में अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत राजेंद्र दास, अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद, श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, श्रीमहंत धर्मदास, कोठरी महंत जसविंद्र सिंह, महंत सत्यम गिरी, महंत रघुवीर दास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत सूरत दास, महंत बिहारी शरण, महंत निर्भय सिंह, स्वामी केशवानंद, महंत गोविंद दास, महंत राघवेंद्र दास, महंत बलबीर सिंह आदि संत मौजूद रहे।
राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकातरविंद्र पुरी ने कहा कि पूर्व में लखनऊ में आयोजित अखाड़ा परिषद की बैठक में भी प्रस्ताव पास कर स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई थी। लेकिन संप्रदाय के संतों ने क्षमा मांगने से मना कर दिया। अखाड़ा परिषद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात कर सख्त कार्रवाई की मांग करेगा।
सीएम तमिलनाडु से किया आग्रहरविंद्र पुरी ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से मेरा आग्रह है कि अपने पुत्र के द्वारा सनातन पर की जा रही बयानबाजी पर अंकुश लगाएं। नहीं तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
ज्ञानवापी पर कोर्ट का फैसला स्वीकार्य
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी (महानिर्वाणी) ने कहा कि ज्ञानवापी का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। कोर्ट का फैसला स्वीकार्य होगा। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की थी की इस विषय का सद्भावनापूर्वक बैठक कर निस्तारण किया जाए।
इन अखाड़ों के संत रहे मौजूद
श्रीपंचायती अटल अखाड़ा, श्रीपंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन, श्रीपंचायती निर्मल अखाड़ा, श्रीपंचायती निर्मोही अणी अखाड़ा, श्रीपंचायती दिगंबर अखाड़ा, श्रीपंचायती निर्वाणी अणी अखाड़ा, श्री पंचायती माहनिर्वाणी अखाड़ा के संत मौजूद रहे।