उदयनिधि स्टालिन को अन्नामलाई ने दी चुनौती, कहा- अपनी मां को ही मंदिर जाने से रोक के दिखाए….
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार के मंत्री उदयनिधि अपने सनातन धर्म वाले बयान के बाद विवादों में घिरे हुए हैं। उदयनिधि के बयान पर कटाक्ष करते हुए तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष अन्नामलाई ने उन्हें चुनौती दी है। उन्होंने कहा, “मैं उदयनिधि स्टालिन को चुनौती देता हूं कि वह पहले अपनी मां को ही मंदिर जाने से रोक कर दिखाएं।”
‘आज तक कोई नहीं छू सका’
उदयनिधि स्टालिन के बयान को बचकाना बताते हुए अन्नामलाई ने कहा कि स्टालिन केवल अपने पिता और दादा की वजह से इस पद पर हैं। भाजपा राज्य अध्यक्ष ने कहा, “सनातन धर्म बरसो से चला आ रहा है और अनंत है। मुगल, ईस्ट इंडिया कंपनी और यहां तक कि ईसाई मिशनरी भी इसे छू नहीं सके, तो वह कौन होता है इसे मिटाने वाला?”
सारी हदें कर दी पार
अन्नामलाई ने हमला बोलते हुए कहा, “इस साल वो लोग मजबूत हो गए हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे सत्ता में हैं, इसलिए उन्होंने हदें पार कर दी है। उदयनिधि के इस बयान के दौरान मंदिर प्रशासन मंत्री भी मंच पर मौजूद थे, जिसका मतलब है कि वह मंदिरों और लोगों की धार्मिक प्रथाओं को खत्म करने वाले हैं। यह उनकी हिंदू विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।’मैं उदयनिधि को चुनौती देता हूं कि वह अपनी मां को मंदिरों में जाने से रोक कर दिखाएं।”
राहुल गांधी जैसी बहादुरी दिखाने की कोशिश
अन्नामलाई ने कहा कि उदयनिधि, राहुल गांधी की तरह बहादुरी दिखने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस को उनके इस बयान से कोई शिकायत नहीं होगी, क्योंकि यहां उनकी अपनी सरकार है, लेकिन हम सभी राज्य से द्रमुक के सफाया होने का इंतजार कर रहे हैं। वर्तमान पीढ़ी इसे स्वीकार नहीं करती, लोग अब द्रमुक को खारिज करने जा रही है।”
चुनाव में डीएमके को नहीं करेंगे स्वीकार
भाजपा नेता से सवाल किया गया कि क्या 2024 के लोकसभा चुनाव पर इस तरह के बयान का प्रभाव पड़ेगा। इसके जवाब में भाजपा नेता ने कहा कि लोग ऐसी भाषा को स्वीकार नहीं करते हैं। सनातन सबको एक साथ लाता है, यही इसकी खूबसूरती है। DMK पूरी तरह से हिंदू विरोधी और तुष्टिकरण आधारित पार्टी है। इस बयान पर पूरे भारत ने प्रतिक्रिया दी है। देश और तमिलनाडु के लोग अब आने वाले चुनावों में डीएमके को स्वीकार नहीं करेंगे।”