चमोली करंट हादसे में सख्त एक्शन, देशभर में कंपनी पर बैन लगाने की सिफारिश

चमोली करंट एसटीपी हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराई गई कंपनियों को देशभर में प्रतिबंधित कराने को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए पेयजल निगम ने केंद्र की एजेंसी नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा को पत्र लिखा है। एसटीपी निर्माण को सिविल कार्यों का जिम्मा बृजभूषण मलिक कंपनी, हरियाणा को दिया गया था।

इसी कंपनी ने इलेक्ट्रिकल कार्यों के साथ ही एसटीपी संचालन को ज्वाइंट वेंचर में कोयम्बटूर की कंपनी कॉन्फिडेंट इंजीनियर के साथ काम लिया। संचालन का जिम्मा लेने वाली कंपनी ने खुद के बजाय नियम विरुद्ध काम, सबलेट करते हुए महाजन कंपनी को दे दिया। इस मामले में निर्माण कार्यों में घटिया गुणवत्ता का इस्तेमाल किया गया।

संचालन में भी बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हुईं। इन गड़बड़ियों पर पेयजल निगम ने इन दोनों कंपनियों को 15 साल के लिए उत्तराखंड में काम करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया। साथ ही देशभर में भी यह कंपनियां कोई काम हासिल नहीं कर पाएं, इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित करने की सिफारिश की गई है।

गैरपंजीकृत कंपनियों को दे दिया था काम: नमामि गंगे में जिन कंपनियों को चमोली में एसटीपी निर्माण और संचालन का जिम्मा दिया गया। वे राज्य में पंजीकृत नहीं थीं। इनको तीन महीने के भीतर उत्तराखंड में अपना पंजीकरण कराना था, लेकिन किसी भी कंपनी ने कोई पंजीकरण नहीं कराया।

चमोली के एसटीपी से जुड़ी कंपनियों को 15 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। चूंकि ये कंपनियां उत्तराखंड में पंजीकृत नहीं हैं, इसीलिए केंद्र स्तर पर इन कंपनियों को देशभर में प्रतिबंधित करने की सिफारिश की गई है।
एससी पंत, एमडी, पेयजल निगम

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker