टिहरी में बारिश ने जमकर मचाया कहर, भूस्खलन के चलते कई मकान हुए ध्वस्त

जिले में इस बार मानसून में वर्षा ने जमकर कहर बरपाया। भारी वर्षा के कारण जिले में भूस्खलन होने से दस व्यक्तियों की मौत हुई जबकि तीन घायल हुये। भूस्खलन के दौरान 11 मकान पूरी तरह ध्वस्त हाे गये जबकि 75 भवन आशिंक रूप से क्षतिग्रस्त हुये।

वर्षाकाल के दौरान दस गांवों में हुई भूस्खलन की घटना

टिहरी जिले में वर्षा के कारण लगभग दस गांवों में भूस्खलन की घटनायें हुई। इस दौरान 139 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। लगभग ढाई सौ लोग स्कूल और पंचायत घरों में रह रहे हैं। भूस्खलन की घटनाओं में 11 भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त जबकि 75 भवन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। इन मकानों में रहने वाले 139 परिवारों के लगभग ढाई सौ व्यक्तियों को पंचायत घरों और स्कूलों में ठहराया गया है।

ऋषिकेश-गंगोत्री व बदरीनाथ राजमार्ग मलबा आने से लगातार बाधित

वर्षा के कारण ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग और बदरीनाथ राजमार्ग भी लगातार मलबा आने से बाधित रहे। दो राज्य मार्ग पिछले पंद्रह दिनों से ज्यादा समय से बंद हैं जबकि 15 ग्रामीण मोटर मार्ग भी मलबा आने के कारण बंद है। अतिवृष्टि से काश्तकारों को भी नुकसान हुआ और 16.78 हेक्टेयर कृषि भूमि का नुकसान हुआ है। जिससें नकदी फसलों का नुकसान हुआ है।

भूस्खलन की घटनाओं में 103 मवेशियों की भी दबने से मौत हुई। भारी वर्षा के कारण लगभग 120 गांवों में बिजली लाइन क्षतिग्रस्त हुई जिससे बिजली आपूर्ति भी बाधित रही।

खतरे की जद में आए मकानों के परिवारों को किया शिफ्ट

टिहरी गढ़वाल अपर जिलाधिकारी केके मिश्र के अनुसार, जिले में आपदा की दृष्टिगत तत्परता से कार्य किया गया। भूस्खलन से जिन भी मकानों को खतरा था उन सभी को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई है।

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