फॉक्सकॉन के संस्थापक फिर से लड़ेंगे राष्ट्रपति चुनाव, ताइवान को लेकर कही यह बात

ताइवान में राष्ट्रपति पद की जंग रोचक हो गई है। इस रेस में प्रमुख एप्पल इंक आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन के अरबपति संस्थापक टेरी गौ भी शामिल हो गए हैं। इसकी जानकारी उन्होंने सोमवार को खुद देते हुए कहा कि वे 2024 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ेंगे।

टेरी को 2019 में मिली असफलता

टेरी ने 2019 में भी फॉक्सकॉन के प्रमुख का पद छोड़कर राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी की थी, लेकिन नामांकन जीतने में विफल रहे। उन्हें ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी कुओमिन्तांग केएमटी (Kuomintang KMT) के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। केएमटी को चीन समर्थक माना जाता है।

टेरीरतलब है कि टेरी ने इस साल की शुरुआत में जनवरी में राष्ट्रपति चुनाव के लिए केएमटी का उम्मीदवार बनने के लिए बोली लगाई थी, लेकिन उनकी जगह न्यू ताइपे शहर के मेयर होउ यू-इह (New Taipei City Mayor Hou Yu-ih) को चुन लिया गया।

हालांकि, इसके बाद भी टेरी ने हार नहीं मानी। उन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में ताइवान में कई रैलियों का आयोजन किया है। इससे यह अटकलें तेज हो गईं कि वे स्वतंत्र रूप से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की योडना बना रहे हैं।

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की नीतियां गलतियों से भरी हुई है: टेरी  

टेरी ने सत्ताधारी दल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी पर ताइवान को युद्ध के खतरे की ओर ले जाने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी की नीतियां गलतियों से भरी हुई है। टेरी ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा- मुझे चार साल दीजिए। मैं वादा करता हूं कि ताइवान जमडमरूमध्य में शांति लाऊंगा। ताइवान को यूक्रेन नहीं बनना चाहिए। मैं ताइवान को यूक्रेन नहीं बनने दूंगा।

टेरी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन के साथ युद्ध करने से बचने का एकमात्र तरीका डीपीपी यानी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी को सत्ता से बाहर करना है। वहीं, टेरी से जब फॉक्सकॉन का प्रमुख शेयर धारक होने के नाते हितों का टकराव होने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर चीन हमला करता है तो इस स्थिति में वह अपनी निजी संपत्तियों का बलिदान करने को तैयार हैं। फॉक्सकॉन ने चीन में बड़े पैमाने पर निवेश किया है।

टेरी को जुटाने होंगे तीन लाख मतदाताओं के हस्ताक्षर

टेरी की राष्ट्रपति बनने की राह में कई चुनौतियां हैं। उन्हें स्वतंत्र उम्मीदवार बनने के लिए दो नवंबर तक तीन लाख मतदाताओं के हस्ताक्षर जुटाने होंगे। केंद्रीय चुनाव आयोग इन हस्ताक्षरों की समीक्षा करेगा और 14 नवंबर तक नतीजे घोषित करेगा।

विलियम ताई के चुनाव जीतने की संभावना सबसे ज्यादा

ताइवान के मौजूदा उपराष्ट्रपति विलियम ताई के चुनाव जीतने की संभावना सबसे ज्यादा हैं। उन्हें इस बार डीपीपी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। वे चुनाव में काफी आगे चल रहे हैं।  वहीं, मुख्य विपक्षी दल केएमटी ने टेरी से पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन करने का आग्रह किया है।

डीपीपी ताइवान की अलग पहचान की वकालत करती है, लेकिन इसकी सरकार ने बार-बार चीन से बातचीत की पेशकश की, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। बता दें कि ताइवान में चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं, जब ताइवान और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। चीन अपनी संप्रभुता के दावों पर जोर देने के लिए ताइवान के पास नियमित सैन्य अभ्यास करता है।

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