एक्सरसाइज ब्राइट स्टार-23 में शामिल होने के लिए भारतीय वायु सेना पहुंची मिस्र, पढ़ें पूरी खबर
वैश्विक रक्षा सहयोग की ओर बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय वायु सेना की टुकड़ी ‘एक्सरसाइज ब्राइट स्टार-23’ का हिस्सा बनने के लिए मिस्र पहुंच चुकी है। पहली बार भारतीय वायुसेना और सशस्त्र बल इस बार त्रि-सेवा अभ्यास का हिस्सा बनने जा रहे हैं। इसको लेकर भारतीय वायु सेना और सशस्त्र बल की ओर से सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया गया है
पहली बार एक्सरसाइज ब्राइट स्टार का हिस्सा बना भारत
भारतीय सशस्त्र बल की ओर से सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में लिखा गया, “एक्सरसाइज ब्राइट स्टार 2023, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीकी क्षेत्र में सबसे बड़ा बहु-राष्ट्र त्रि-सेवा अभ्यास, पहली बार भारतीय सशस्त्र बलों की भागीदारी का गवाह बनेगा। दुनिया भर के 34 देशों की भागीदारी के साथ, मिस्र में अभ्यास का उद्देश्य समकालीन खतरों का मुकाबला करना और भाग लेने वाले देशों के बीच अंतर-संचालनीयता को बढ़ाना है।”
भारतीय वायु सेना पहुंची मिस्र
भारतीय वायु सेना (IAF) ‘एक्सरसाइज ब्राइट स्टार 2023’ में शामिल होने के लिए मिस्र के वायु सेना बेस पहुंच चुकी है। इस बात की जानकारी देते हुए वायु सेना की ओर से सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा गया, “काहिरा में मिस्र वायु सेना के अड्डे पर लैंडिंग। अगले तीन हफ्तों के लिए हमारा घर।”
रक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज के माध्यम से बताया कि भारतीय वायुसेना की टुकड़ी काहिरा (पश्चिम) एयर बेस पर द्विवार्षिक बहुपक्षीय त्रि-सेवा अभ्यास में शामिल होगी, जो रविवार को शुरू हुई है और 16 सितंबर को समाप्त हो जाएगी।
अभ्यास में कई देश होंगे शामिल
पहली बार भारतीय वायुसेना ‘एक्स ब्राइट स्टार-23’ (Exercise Bright Star 2023) में शामिल होगी, जिसमें अमेरिका, सऊदी अरब, ग्रीस और कतर की वायुसेना टुकड़ियों की भी भागीदार हैं। गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना के दल में 5 मिग-29, 2 आईएल-78, दो सी-130 और दो सी-17 विमान शामिल हैं। भारतीय वायुसेना के गरुड़ विशेष बलों के कर्मियों के साथ-साथ नंबर 28, 77, 78 और 81 स्क्वाड्रन के कर्मी भी अभ्यास में हिस्सा लेंगे।
भागीदार देशों से मजबूत होंगे रणनीतिक संबंध
भारतीय वायुसेना की भागीदारी का उद्देश्य केवल वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि संयुक्त अभियानों की योजना बनाना है। रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस रिलीज में कहा गया था कि सीमाओं से परे वायु योद्धाओं के बीच मजबूत संबंध को बढ़ावा देने के साथ ही, इस अभ्यास में शामिल अन्य देशों के साथ रणनीतिक संबंध भी मजबूत होने के आसार रहेंगे।
काफी गहरे और मजबूत हैं दोनों देशों के संबंध
विज्ञप्ति में कहा गया है कि विदेशों में इस तरह के अभ्यास में भाग लेने वाले भारतीय वायुसेना के दल फ्लाइट सूट में राजनयिकों से कम नहीं हैं। भारत और मिस्र के बीच संबंध और सहयोग काफी गहरा है। दोनों देशों ने 1960 के दशक में संयुक्त रूप से एयरो-इंजन और विमान के विकास और अपने भारतीय समकक्षों द्वारा मिस्र के पायलटों को ट्रेनिंग दी थी।
दोनों देशों के वायु सेना प्रमुखों, भारतीय रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री की हाल की मिस्र यात्राओं के दौरान हुई बैठक से संबंध और मजबूत हुए हैं। दोनों देशों ने अपने सशस्त्र बलों के बीच नियमित अभ्यास के साथ अपने संयुक्त प्रशिक्षण को भी बढ़ाया है।