देहरादून में बढ़ा डेंगू का कहर, एक दिन में मिले इतने मरीज, प्लेटलेट्स की डिमांड हुई दोगुनी
देहरादून में डेंगू के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। गुरुवार को जिलेभर में एक दिन में 984 मरीजों की एलाइजा जांच कराई गई। उधर, गुरुवार को पांच नए केस भी सामने आए। दून में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच एक हफ्ते के भीतर प्लेटलेट्स की डिमांड दोगुनी हो गई है। डेंगू पॉजिटिव न होने के बाद भी मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है। ब्लड बैंकों पर क्षमता से ज्यादा दबाव बढ़ गया है। कई ब्लड बैंक डिमांड के सापेक्ष 60 फीसदी मरीजों की ही पूर्ति कर पा रहे हैं।
गुरुवार को मेहूंवाला में दो, धर्मपुर, बंजारावाला एवं जीएमएस रोड में एक, एक मरीज में डेंगू मिला, जिनमें से एक कोरोनेशन, जबकि चार मरीज श्रीमहंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती किए गए। 13 मरीजों को विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी गई है। 24 मरीजों का उपचार जारी है।
आरडीपी के लिए समान ग्रुप की जरूरत नहीं
दून अस्पताल के ब्लड बैंक की डॉ. नेहा बत्रा का कहना है कि आरडीपी के लिए समान ग्रुप की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके लिए डॉक्टर से लिखवाकर लाना होता है। उधर, दून अस्पताल की ओपीडी 2000 से नीचे नहीं आ रही। पंजीकरण प्रभारी विनोद नैनवाल के मुताबिक, गुरुवार को ओपीडी में 2064 मरीज पहुंचे।
पुराने डिस्चार्ज होने पर ही नए मरीज भर्ती हो रहे
दून अस्पताल में इस वक्त मरीजों का भारी दबाव है। मेडिसिन के 150 एवं बाल रोग विभाग के 105 बेड फुल चल रहे हैं। एचओडी मेडिसिन डॉ. नारायणजीत सिंह ने बताया कि भर्ती मरीजों में से जिनकी हालत सामान्य होती है, उन्हें सुबह नौ बजे से डिस्चार्ज करना शुरू कर दिया जाता है। खाली हुए बेड पर इमरजेंसी से मरीजों को शिफ्ट किया जाता है और ओपीडी से आने वालों को भर्ती किया जा रहा है।
डेंगू मरीजों के लिए 30 बेड का नया वार्ड खोला
दून अस्पताल में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां 30 बेड का नया वार्ड खोल दिया गया है। अभी तक यहां पर 30 बेड के दो वार्ड थे। गुरुवार को प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने इंतजामों को लेकर एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल एवं डीएमएस डॉ. धनंजय डोभाल संग चर्चा की। एमएस ने बताया कि सर्जरी के वार्ड-आठ के 30 बेड को डेंगू मरीजों के लिए खोल दिया गया। शुक्रवार सुबह से यहां मरीज भर्ती होने शुरू हो जाएंगे।
60 मरीजों की डिमांड ही पूरी कर पा रहे हैं ब्लड बैंक
आईएमए ब्लड बैंक से मिली जानकारी के अनुसार, रोज सौ से ज्यादा आरडीपी (रैंडम डोनर प्लेटलेट्स) और 10 के करीब एसडीपी (सिंगल डोनर प्लेटलेट्स) की डिमांड है। यहां 60 यूनिट आरडीपी और पांच से छह एसडीपी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। दून अस्पताल में रोज 35 से 40 आरडीपी एवं पांच से छह एसडीपी की डिमांड है। यहां 20 से 25 आरडीपी एवं दो से तीन एसडीपी हो रहे हैं। डोनर लाने पर आरडीपी को चार घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना के अनुसार, इन दिनों दूसरे अस्पतालों से भी डिमांड आ रही है।