बागमती, गंगा समेत कई नदियां उफान पर, जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा
नेपाल और बिहार में हो रही भारी बारिश की वजह से राज्य की नदियां उफान पर हैं। इससे उत्तर बिहार के जिलों में निचले इलाकों में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है। बागमती, कमला बलान, भूतही बलान और ललबकिया नदी मंगलवार को ही खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है। अगले 24 से 48 घंटे में गंगा, गंडक और अधवारा के भी लाल निशान पार कर जाने की संभावना है। इन सारी नदियों का जलस्तर अगले कुछ घंटे में और तेजी से बढ़ने का अनुमान है।
कोसी के वीरपुर बराज का जलस्तर इस साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। केवल 24 घंटे में यहां 60 हजार क्यूसेक से अधिक पानी बढ़ गया। जबकि, गंडक नदी का जलस्तर वाल्मीकिनगर बराज पर लगभग 40 हजार क्यूसेक तक बढ़ा। दोनों स्थानों पर इनका जलस्तर बढ़ ही रहा है। बागमती एवं कमला बलान का जलस्तर 24 घंटे में सवा दो मीटर से अधिक बढ़ गया, जबकि भूतही बलान के जलस्तर में 24 घंटे में एक मीटर से अधिक और ललबकिया के जलस्तर में डेढ़ मीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
बागमती नदी में सीतामढ़ी के ढेंग एवं सोनाखान में 2.30 मीटर तक बढ़ा। ढेंग में नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 86 सेंटीमीटर, जबकि सोनाखान में 1.46 मीटर ऊपर पहुंच गया है। इसी तरह कमला बलान का जलस्तर भी 24 घंटे में 2.30 मीटर बढ़ा। इसका जलस्तर मधुबनी के राजनगर में खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है, जबकि भूतही बलान का जलस्तर मधुबनी में खतरे के निशान से 31 सेमी ऊपर है।
ललबकिया नदी का जलस्तर पूर्वी चंपारण के ढाका में लाल निशान से 65 सेमी ऊपर पहुंच गया है। कोसी नदी का जलस्तर वीरपुर बराज पर दो लाख क्यूसेक के निकट पहुंच गया है जबकि गंडक नदी वाल्मीकिनगर बराज पर 1.70 लाख से ऊपर है। कोसी नदी नेपाल वाले इलाके में लाल निशान से ऊपर है। देर शाम इन दोनों नदियों का जलस्तर इनके बराजों पर काफी तेजी से बढ़ रहा था। जल संसाधन विभाग के अनुसार अगले 24 से 48 घंटे में इनका जलस्तर और ऊपर जाने की संभावना है।