इस महीने में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ ने बनाया नया रिकॉर्ड, मैन्युफैक्चरिंग PMI 13 साल में आई तेजी

 नई दिल्ली, अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े जानने के लिए कई बार पीएमआई शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। इसका पूरा नाम पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (Purchasing Managers Index) है। सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सेहत को मापने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसकी मदद से बाजार की सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

एक मासिक सर्वेक्षण में गुरुवार को कहा गया कि भारत के सर्विस सेक्टर की बढ़ोतरी जुलाई में 13 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। अंतरराष्ट्रीय बिक्री में तेजी के कारण नए कारोबार और प्रोडक्शन में सबसे मजबूत वृद्धि हुई। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स जून में 58.5 से बढ़कर जुलाई में 62.3 हो गया। वहीं, जून 2010 के बाद से प्रोडक्शन में सबसे तेज वृद्धि का संकेत है।

पीएमआई में क्यों आई तेजी?

पीएमआई के सर्वेक्षण सदस्यों के अनुसार, तेजी का मुख्य कारण मांग में मजबूती और नए व्यापार में बढ़त है। जुलाई के दौरान भारतीय सेवाओं की मांग में 13 वर्षों में सबसे अधिक सुधार हुआ है। इस महीने लगभग 29 फीसदी सर्वेक्षण प्रतिभागियों ने नए बिजनेस के अधिक सेवन की सूचना दी। मुद्रास्फीति के मोर्चे पर लागत का दबाव बढ़ गया है।

नौकरी के मोर्चे पर, कंपनियों ने अंशकालिक, पूर्णकालिक, स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों के संयोजन को काम पर रखकर अपने कार्यबल में वृद्धि जारी रखी। सर्विस सेक्टर में रोजगार का विस्तार हल्की गति से हुआ जो मोटे तौर पर पिछले दो महीनों के समान ही था।

पॉलीन्ना डी लीमा, एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र की एसोसिएट निदेशक ने कहा

सर्विस सेक्टर का लचीलापन भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जुलाई के अब तक के पीएमआई नतीजे दूसरी वित्तीय तिमाही के लिए समग्र सकल घरेलू उत्पाद के योगदान की ओर इशारा करते हैं। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में कहा गया।

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