चीन में बेरोजगारी ने तोड़ा रिकॉर्ड ऊंचाई, झाड़ू-पोछा लगाने को मजबूर ग्रैजुएट युवा

पड़ोसी देश चीन में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। हालात ऐसे हैं कि चीनी ग्रैजुएट युवाओं को नौकरी नहीं मिल पा रही है और उन्हें झाड़ू-पोछा लगाने जैसे घरेलू कामों के लिए जॉब करना पड़ रहा है। आगे जॉब संकट और गहराने के आसार हैं क्योंकि इस वर्ष चीन में रिकॉर्ड 1.15 करोड़ ग्रैजुएट पास आउट हो रहे हैं, जिन्हें नौकरी की दरकार होगी। दूसरी तरफ चीनी अर्थव्यवस्था की रफ्तार कुंद पड़ गई है।

चीन के राष्‍ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (NSA) के आंकड़ों के मुताबिक 16 से 24 साल तक की आयु वर्ग में बेरोजगारी दर जून 2023 में बढ़कर 21.3 फीसदी हो गई है। इससे पहले  मार्च महीने की बेरोजगारी दर 19.7 फीसदी थी। हालांकि, यह सरकारी आंकड़ा है, जिसे चीनी सरकार छुपाती रही है। बहरहाल, सरकार के इस नए दावे पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

चीन की एक प्रोफेसर ने कहा है कि मार्च में ही देश की युवा बेरोजगारी दर 50 फीसदी के करीब पहुंच चुकी थी। प्रोफेसर के इस दावे के बाद से चीन के सांख्यिकी ब्यूरो के आधिकारिक आंकड़ों पर बहस शुरू हो गई है। बीजिंग विश्वविद्यालय में इकनॉमिक्स की प्रोफेसर झांग डंडान ने प्रतिष्ठित फिनांशियल मैग्जीन ‘कैक्सिन’ में एक लेख लिखा है कि अगर 16 मिलियन नॉन स्टूडेंट्स घर पर ‘बैठे’ हैं या अपने माता-पिता पर आश्रित हैं तो देश की बेरोजगारी दर 46.5 फीसदी तक हो सकती है। इस लेख से चीन में खलबली मच गई है। बाद में उस लेख को पोर्टल पर से हटा दिया गया।

लेख में कहा गया है कि चीन का सबसे ताकतवर सेक्टर उसका सर्विस सेक्टर रहा है लेकिन कोविड महामारी की वजह से इस सेक्टर में भारी मंदी आई है। कोविड बाद की परिस्थितियों में भी यह सेक्टर केवल दो तिहाई तक ही रिकवर कर सका है। इसकी वजह से भी बेरोजगारी दर में इजाफा हुआ है। इसके अलावा चीन का विनिर्माण उद्योग भी संकट में है। इससे पिछली तिमाही में चीन की जीडीपी ग्रोथ 4.5 फीसदी ही रही थी।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में कमजोर गति से बढ़ी है, क्योंकि देश और विदेश में चीनी उत्पादों की मांग कमजोर हुई है। इससे नीति निर्माताओं पर कोविड के बाद रिकवरी को बढ़ावा देने के लिए और अधिक प्रोत्साहन देने का दबाव बढ़ गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए चीन के शीर्ष नेताओं ने सोमवार को अर्थव्यवस्था में जान फूंकने, कोविड के बाद की कठिन रिकवरी हासिल करने के बीच अर्थव्यवस्था के लिए नीतिगत समर्थन बढ़ाने का वादा किया है और घरेलू मांग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया है।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था पोलित ब्यूरो का हवाला देते हुए कहा कि चीन घरेलू मांग बढ़ाने, आत्मविश्वास बढ़ाने और जोखिमों को रोकने पर ध्यान केंद्रित करते हुए आर्थिक नीति समायोजन बढ़ाएगा। शिन्हुआ ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद पोलित ब्यूरो के हवाले से कहा,  “वर्तमान में, चीन की अर्थव्यवस्था नई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना कर रही है, जो मुख्य रूप से अपर्याप्त घरेलू मांग और जटिल बाहरी वातावरण से उत्पन्न हुई हैं।”

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