महाराष्ट्र के रायगढ़ में बचाव अभियान हुआ खत्म, इतने अभी भी लापता
मुंबई, महाराष्ट्र के रायगढ़ में हुए भूस्खलन की चपेट में आने से अब तक 27 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की टीमें खोज और बचाव अभियान बंद करने के बाद भूस्खलन स्थल से निकल गए हैं। अब स्थानीय पुलिस घटनास्थल की निगरानी कर रही है।
अब तक 57 लोगों का नहीं मिला सुराग
राज्य के मंत्री उदय सामंत ने रविवार को कहा कि बुधवार को भूस्खलन के बाद एनडीआरएफ कर्मियों सहित 1,100 लोगों के चार दिवसीय खोज और बचाव अभियान के दौरान 27 शव बरामद किए गए, जबकि 57 लोगों का अब तक पता नहीं लग पाया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने रविवार को अपना खोज और बचाव अभियान बंद कर दिया। रायगढ़ के संरक्षक मंत्री सामंत ने मीडिया से कहा कि यहां तक कि लापता लोगों के परिजनों का मानना है कि उनके परिजन अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं और बचाव अभियान बंद करने के फैसले पर सहमत हैं।
सुरक्षा अधिकारी और तीन कांस्टेबल तैनात
एनडीआरएफ के एक अधिकारी के मुताबिक, खोज एवं बचाव अभियान बंद होने के बाद उनकी टीम और अन्य एजेंसियां वहां से चली गईं और वहां स्थापित एक बेस कैंप को भी हटा दिया गया है। रायगढ़ जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमने भूस्खलन स्थल की सुरक्षा के लिए एक अधिकारी और तीन कांस्टेबल तैनात किए हैं। टीम दिन के समय घटनास्थल की सुरक्षा करेगी।”
क्षेत्र में धारा 144 लागू
सामंत ने रविवार को कहा कि किसी को भी भूस्खलन स्थल पर भीड़ नहीं लगानी चाहिए और लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए धारा 144 (दंड प्रक्रिया संहिता) लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि आखिरकार जिला प्रशासन और अन्य संबंधित अधिकारियों के परामर्श से सर्च ऑपरेशन बंद करने का निर्णय लिया गया।
मंत्री ने कहा, “गांव में 228 लोग थे, जिनमें से 57 का पता नहीं चल पाया है, जबकि 27 के शव बरामद कर लिए गए हैं। गांव के 43 परिवारों में से दो परिवार पूरी तरह खत्म हो गए, जबकि 41 परिवारों, जिनमें 144 लोग सुरक्षित निकाले गए थे, उनको एक मंदिर में आश्रय दिया गया है।” सुदूर आदिवासी गांव में 48 में से लगभग 17 घर भूस्खलन में पूरी तरह या आंशिक रूप से दब गए।