कांवड़ यात्रा पर अब नहीं होगी मुश्किल, कांवड़ियों के लिए खोला गया दिल्ली हाईवे

कांवड़ यात्रा चरम की ओर बढ़ने लगी है। यूपी, दिल्ली-एनसीआर सहित देश के अन्य राज्यों से कांवड़ लाने वाले कांवड़ियों को परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हाईवे के एक हिस्से को कांवड़ियों के लिए खोल दिया गया। हाईवे के एक हिस्से पर पैदल और बड़ी कांवड़ लेकर अपने गंतव्य को जाने वाले कांवड़ियों की लम्बी कतार सुबह से ही नजर आई।

वहीं, यातायात को हाईवे के एक हिस्से पर चलाया गया, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति हाईवे पर बनती दिखी। शनिवार रात तक कांवड़ियों को कांवड़ पटरी से भेजा जा रहा था। रविवार से हरिद्वार से रुड़की जाने वाले हाईवे के एक हिस्से पर भी कांवड़ियों की रवानगी शुरू की गई। जिसके चलते हरिद्वार-रुड़की हाईवे भगवा रंग में रंगा नजर आया।

हाईवे पर कांवड़ियों की लम्बी कतार दिखी। इस दौरान बड़ी-बड़ी कांवड़ भी जाती दिखी। गुरुकुल कांगड़ी विवि के बाहर हाईवे पर डाक कांवड़ियों के वाहनों का कब्जा दिखा। वहीं, सामान्य यातायात हाईवे के एक हिस्से पर चलाया गया। इस कारण रविवार सुबह शंकराचार्य चौक से अलकनंदा घाट तक वाहनों की लम्बी कतार लग गयी। ऐसा ही हाल वीआईपी घाट पर देखने को मिला, जबकि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी यातायात को सामान्य करने की कोशिश में लगे दिखे।

बड़ी कांवड़ के लिए हाईवे को खोल दिया गया है। इस दौरान पैदल कांवड़ियों को भी हाईवे पर भेजा गया। साथ ही कांवड़ पटरी को भी पैदल कांवड़ियों को भेजा गया है।
स्वतंत्र कुमार, एसपी सिटी

हर तरफ बोल बम की गूंज

रविवार को हरिद्वार की सड़कें बोल बम के जयकारों से गुंजायमान रही। शिवमूर्ति से लेकर ललतारौ पुल तक पैदल कांवड़ियों का हुजूम देखने को मिला। हाईवे से लेकर शहर की अंदरुनी सड़कों पर कांवड़िये ही कांवड़िये नजर आए।

डाक कांवड़ के दौरान बाइक एंबुलेंस भी चलेगी

हरिद्वार। डाक कांवड़ के दौरान बीमार और घायल कांवड़ियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बाइक एंबुलेंस का संचालन चलाया जाएगा। सीएमओ डॉ. मनीष दत्त ने बताया कि डाक कांवड़ के दौरान चार पहिया एंबुलेंस का संचालन संभव न हो पाने की स्थिति में बाइक एंबुलेंस का इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे की गंभीर बीमार या घायल कांवड़िये को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जा सके।

कांवड़ यात्रा के दौरान आने वाले शिवभक्तों की सुविधा के लिए कई स्थानों पर स्वास्थ्य कैंप लगाए हुए हैं। जिसमें कांवड़ यात्रा में चलने वाले कांवड़ियों को प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है। जबकि कांवड़ के दौरान एंबुलेंस के संचालन के अतिरिक्त चालकों की भी तैनाती की गयी है। लेकिन डाक कांवड़ के दौरान चार पहिया वाहनों का उपयोग करना लगभग असंभव जैसी स्थिति होती है। ऐसे में घायल और गंभीर बीमार कांवड़ियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है।

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