भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन है MSME सेक्टर, लेकिन क्रेडिट गैप अब भी बड़ी चुनौती: भरत गुप्ता

नई दिल्ली, MSME सेक्टर की अपार संभावनाओं को समझने व इसकी चुनौतियों और इसके विकास के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा करने के लिए Jagran New Media द्वारा ‘Jagran बदलाव’ कॉन्क्लेव की शुरूआत की जा रही है। कॉन्क्लेव में इंडस्ट्री के एक्सपर्ट इस सेक्टर से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।

दिल्ली के ललित होटल में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत जागरण न्यू मीडिया के सीईओ भरत गुप्ता के भाषण से हुई। अपने भाषण में उन्होंने देश और अर्थव्यवस्था में MSME के योगदान पर रोशनी डालते हुए कई महत्वपूर्ण बातें बताईं। एक नजर डालते हैं उनके भाषण की महत्वपूर्ण बातों पर…

एमएसएमई कॉन्क्लेव बदलाव में शामिल होने वाले सभी आगंतुकों का हार्दिक स्वागत! हम आपके साथ कुछ रोमांचक तथ्य साझा कर रहे हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था पर एमएसएमई के जबरदस्त प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं।

पिछले दस वर्षों में एमएसएमई ने सकल घरेलू उत्पाद में 30 फीसद और पिछले चार वर्षों में निर्यात में 40 फीसद का योगदान किया है। इसके अतिरिक्त, कुल विनिर्माण उत्पादन में उनका हिस्सा लगभग 33 फीसद है।

मजबूती से उभर रहा भारत

भारत एक विविधतापूर्ण देश है, जिसकी आबादी 1.4 अरब है। 720 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ यहां इंटरनेट इस्तेमाल करने वाली आबादी भी दुनिया में सबसे बड़ी है। इसके अलावा, भारत की 65 फीसद आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है। इस तरह देखें तो भारत सबसे युवा राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है।

भारत में 28 राज्य, 8 केंद्र शासित प्रदेश, 179 भाषाएं और 544 बोलियां हैं। भारत की साक्षरता दर 73% है। पुरुषों की साक्षरता 81% और महिलाओं के लिए 65% है।

मार्च 2023 में भारत की जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई और भारत ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। आईएमएफ का अनुमान है कि भारत 2027 तक 5.4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में वैश्विक रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। यह सब तभी हो सकता है जब विकास विविध, समावेशी और समान हो।

विकास का इंजन है एमएसएमई सेक्टर

एमएसएमई क्षेत्र जल्द ही भारत में सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता बन जाएगा। 1.64 करोड़ से अधिक एमएसएमई के साथ यह पहले से ही 10.73 करोड़ नौकरियां पैदा कर रहा है। एमएसएमई, नई भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन हैं। हालांकि, उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं, जिसमें से एक चुनौती क्रेडिट गैप की है। ये उनके फैलाव की संभवनाओं को सीमित कर देती है।

अनुसंधान से पता चलता है कि एमएसएमई को वित्तीय प्रणाली से ऋण का एक छोटा हिस्सा प्राप्त होता है, जबकि 80% से अधिक को तो कोई फंडिंग भी नहीं मिलती। इन्हें 50000 का लोन लेने के लिए भी बहुत संघर्ष करना पड़ता है। इस संबंध में ‘ओपन क्रेडिट इनेबलमेंट नेटवर्क – ओसीईएन’ मदद कर सकता है।

बदलाव के तीन स्तंभ

इस बदलाव या परिवर्तन के तीन स्तंभ हैं: साक्षरता, वकालत और नीति।

Literacy- मंच का उद्देश्य एमएसएमई को पहले से मौजूद उपकरणों, वित्तीय उपकरणों और नीतियों की जानकारी और ज्ञान से लैस करके एमएसएमई को सशक्त बनाना है।

Advocacy- परिवर्तन में तेजी लाने के लिए वेब 3.0 आधारित विकास के तौर-तरीकों पर विचार करना, नवाचार और सहयोग करने के लिए तकनीकी, वित्तीय और ज्ञान भागीदारों को शामिल करना।

Policy- एमएसएमई की स्थिरता के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में प्रयास करना, प्रगतिशील विचारों को समझना और विचार-विमर्श करना बहुत जरूरी है। समावेशी भारत को तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी की ओर अग्रसर करने के लिए यह बहुत आवश्यक है।

जागरण न्यू मीडिया का योगदान

जागरण न्यू मीडिया में हम एक समावेशी और प्रगतिशील समाज के लिए ज्ञान, सूचना और आवाज के माध्यम से नए भारत को सक्षम और सशक्त बनाने के अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध हैं। 100 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं और सात यूजर्स प्लेटफार्म के साथ हम भारत में टॉप 10 समाचार और सूचना कंपनियों में से एक हैं। विश्व स्तर पर हम टॉप 30 में से एक हैं।

आज हमारे साथ जुड़ने के लिए धन्यवाद। हम आशा करते हैं कि हम सभी एक समावेशी और प्रगतिशील भारत की दिशा में परिवर्तन के एक मजबूत समुदाय के रूप में काम करेंगे।

आइए, हम भारत के लिए निर्माण करें, भारत के लिए समाधान प्रस्तुत करें और भारत में क्रांति लाएं।

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