MP: नवजात बच्चे की हत्या मामले में सत्र अदालत ने की सुनवाई, नाना-नानी को आजीवन कारावास की सुनाई सजा
भोपाल, भोपाल में एक दंपती ने 2020 में अपनी नवजात पोती को मौत के घाट उतार दिया था, इस मामले में सुनवाई करते हुए भोपाल की एक सत्र अदालत ने दंपति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दोनों पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
नाना-नानी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
शुक्रवार (30 जून) को सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल सक्सेना की अदालत ने आरोपी पूरन सिंह अहिरवार और विद्या बाई अहिरवार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 120 बी और 201 के तहत दोषी ठहराया।
अदालत ने आरोपी विद्या बाई और पूरनसिंह अहिरवार को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास, आईपीसी की धारा 201 सहपठित धारा 120 बी के तहत पांच साल की सश्रम कारावास और 1000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
प्लेटफॉर्म में मृत पाई गई थी नवजात
मामले की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक सुधा विजय सिंह भदौरिया ने कहा, “28 सितंबर, 2020 को गौरव कुरेकर नामक व्यक्ति ने शहर के अयोध्या नगर पुलिस स्टेशन को सूचना दी कि लगभग दो दिन का एक अज्ञात शिशु जी-सेक्टर शिव के प्लेटफॉर्म पर मृत पाया गया है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शिकायत दर्ज की और मामले की जांच शुरू कर दी।”
धारदार हथियार से चोट पहुंचाकर की गई हत्या
भदौरिया ने कहा, “जांच के दौरान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि शिशु की हत्या किसी धारदार हथियार से शरीर पर कई चोटें देने के कारण हुई थी और साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से शव को जी-सेक्टर अयोध्या नगर में स्थित शिव मंदिर के परिसर में मंच के पास शॉल में लपेटकर फेंक दिया गया था।”
इसके बाद अज्ञात आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। घटनास्थल पर गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी पूरन सिंह अहिरवार और विद्या बाई अहिरवार को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। आरोपी ने 27 सितंबर, 2020 की रात बेटी काजल के बच्चे की हत्या की बात कबूल की।
घटनास्थल से हथियार बरामद
सरकारी वकील ने आगे कहा कि पुलिस ने घटना में इस्तेमाल किए गए हथियार और अन्य सामान भी बरामद कर लिया है। काफी जांच-पड़ताल के बाद अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 और 120बी के तहत आरोप तय किए।
सभी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने सुनाई सजा
भदौरिया ने बताया कि मामले में कुल 20 गवाहों से पूछताछ की गई और अभियोजन पक्ष के गवाहों, डीएनए रिपोर्ट, अभियोजन साक्ष्य, दलीलों और दस्तावेजों के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी पाया गया। इन सब दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को दंडित किया।