ITR में इन करदाताओं में मिली बड़ी गड़बड़ी, जुर्माने की तैयारी में जुटा आयकर विभाग

आयकर विभाग ने उत्तराखंड में इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) के ई-वेरिफिकेशन में पांच सौ में से दो सौ मामलों में वित्तीय अनियमितता का पता लगाया है। यह वे लोग हैं, जिन्होंने आईटीआर में लेनदेन का सही ब्योरा नहीं दर्शाया। लिहाजा, विभागीय स्क्रूटनी के बाद ऐसे लोगों से जुर्माना वसूला जाएगा।

आयकर विभाग ने उत्तराखंड में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए करीब पांच सौ मामलों को ई-वेरिफिकेशन के लिए चुना था। विभाग के अनुसार, इनमें से 200 मामले ऐसे पाए गए, जिन्होंने रिटर्न में या तो कम कमाई दिखाई या बिल्कुल भी कमाई नहीं दर्शाई। इनमें से कई मामलों में लेनदेन का आईटीआर में खुलासा ही नहीं किया गया।

लिहाजा, आयकर विभाग ने ऐसे मामलों को स्क्रूटनी के लिए रेफर कर दिया है, जहां अंतिम जांच होगी। आयकर रिटर्न भरने वालों से जुड़े दस्तावेज तलब किए जाएंगे। अफसरों के अनुसार, इसके बाद भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो विभाग की ओर से जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। विभाग में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी 550 मामले ई-वेरिफकेशन के लिए आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

इस तरह से की जा रही है गड़बड़ी

उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति ने पांच हजार रुपये का इंश्योरेंस कराया। आईटीआर दाखिल करते समय टैक्स से बचने के लिए उसने इसे 50 हजार रुपये दिखा दिया। जब विभाग ने जांच की तो मामला खुल गया। इसी प्रकार पीपीएफ, सुकन्या योजना, चुनिंदा बांड्स खरीदने पर भी आयकर में छूट मिलती है। लेकिन, कुछ लोग इसकी सही जानकारी नहीं देते, जो विभागीय जांच में पकड़ ली जाती है। 

2021 से शुरू हुआ है ई-वेरिफिकेशन

आयकर विभाग के अनुसार, ई-वेरिफिकेशन 2021 से शुरू किया गया। इससे पहले दूसरी स्कीम के तहत सत्यापन किया जाता था। ई-वेरिफिकेशन से काम में पारदर्शिता आई है। ऐसे मामलों में विभाग शुरुआत में ऑनलाइन नोटिस भेजता है। इसके बाद फिजिकल नोटिस दिया जाता है।

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