Apple ने अपने ऐप स्टोर की रिव्यु गाइडलाइन्स पॉलिसी में किया बदलाव, जानें वजह…

नई दिल्ली, कॉपीकैट और क्लोनिंग करने वाले ऐप्स की समस्या से लड़ने के लिए, Apple ने अपनी ऐप स्टोर की रिव्यु गाइडलाइन्स पॉलिसी में बदलाव किया है। ऐपल ने ऐप क्लोन और नकल करने वालों पर नकेल कसने के लिए अपने ऐप स्टोर रिव्यू गाइडलाइंस को अपडेट किया है।

कंपनी ने एक ब्लॉग में कहा है कि किसी ऐप का क्लोनिंग करना अब ऐप स्टोर के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। अब ऐप स्टोर प्लेटफॉर्म से नकली ऐप या क्लोनिंग ऐप की संख्या में कमी आएगी। आइए इस खबर के बारे में डिटेल से बताते हैं।

App Store के लिए नई गाइडलाइंस जारी

अपने एनुअल WWDC सम्मेलन के दौरान, Apple ने अपने ऐप स्टोर रिव्यू गाइडलाइंस में बदलाव किए। टेक दिग्गज के संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, डेवलपर्स को किसी अन्य ऐप के कोड या यूजर इंटरफेस की क्लोनिंग नहीं कर सकते हैं।

ऐप स्टोर पर ऐसा नाम नहीं होना चाहिए जो ऐप स्टोर पर किसी अन्य लोकप्रिय ऐप के समान हो। ऐसे ऐप सबमिट करना जो अन्य ऐप या सर्विस का क्लोनिंग करते हैं तो इसे डेवलपर आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और इसके परिणामस्वरूप Apple डेवलपर प्रोग्राम को हटाया जा सकता है।

अब पॉपुलर ऐप की कॉपी करना मुश्किल

नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि केवल ऐप स्टोर पर नए पॉपुलर ऐप को कॉपी न करें, या किसी अन्य ऐप के नाम या यूआई में कुछ छोटे बदलाव करें और इसे अपना नाम दें। ध्यान दें कई कॉपीकैट ऐप (वायरल एआई चैटबॉट चैटजीपीटी के समान) ऐप स्टोर और आधिकारिक Google Play Store पर भी जोड़े गए थे।

इस बीच, Apple के CEO टिम कुक ने हाल ही में OpenAI के ChatGPT को लेकर अपना उत्साह व्यक्त किया है और कहा है कि वह इसका इस्तेमाल करते हैं। नई गाइडलाइंस आने से अब प्लेस्टोर पर फेक ऐप या कहें नकली ऐप की संख्या काम हो जाएगी। कई बार ये नकली ऐप बिल्कुल असली ऐप की तरह दिखती हैं। यूजर गलती से इन्हें डाउनलोड कर लेते हैं और उनका डेटा स्कैमर्स के हाथ लग जाता है।

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