इतने प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा तूफान, जानिए कहां-कहां मचा सकता है तबाही

मंगलवार की रात 11.30 बजे गोवा के पास पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना चक्रवात ‘बिपरजॉय’अब भयंकर तूफान में तब्दील हो चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने ताजा बुलेटिन में कहा है कि ‘बिपरजॉय’अब उत्तर की ओर बढ़ने लगा है और अगले 24 घंटों के दौरान इसके एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है।

IMD ने कहा है कि आज सुबह चक्रवाती तूफान 13 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 66 डिग्री पूर्वी देशांतर पर मध्य अरब सागर में गोवा से करीब 900 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रही थी, जो कल (8 जून) सुबह तक 115 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे और कल शाम यानी 8 जून की शाम तक उसकी स्पीड 125 से 135 किलोमीटर हो सकती है। 

चक्रवात की स्थिति कहां: मौसम विभाग की सुबह की बुलेटिन में कहा गया है, “चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर पिछले 3 घंटों के दौरान व्यावहारिक रूप से स्थिर रहा और 7 जून, 2023 की सुबह 02.30 बजे के करीब लगभग 12.5° उत्तरी अक्षांश और  66.0° पूर्वी देशांतर के पास उसी क्षेत्र में केंद्रित रहा। इसका विस्तार गोवा से 900 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में, मुंबई से 1,020 किमी दक्षिण पश्चिम में, पोरबंदर से 1,090 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और कराची से 1380 किमी दक्षिण में है।

मानसून को पभावित करेगा चक्रवाती तूफान:  मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवाती तूफान की वजह से पश्चिम मध्य और दक्षिण अरब सागर से सटे क्षेत्रों और उत्तर केरल-कर्नाटक-गोवा के तटों पर 40-50 किमी प्रति घंटे से 60 किमी प्रति घंटे की गति से तेज़ हवा चलने की संभावना है। आईएमडी के अनुसार, चक्रवात बिपरजॉय की तीव्रता, अरब सागर में इसके उत्पत्ति स्थान और इसके बाद की गति से दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल आगमन की तारीख प्रभावित होने की संभावना है और इसमें अब एक हफ्ते की देरी हो सकती है। 

भारी बारिश और तेज हवाओं का दौर: IMD ने चक्रवात की रूपरेखा और उसकी तीव्रता को देखते हुए केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में मछुआरों को सावधानी बरतने और समंदर में न जाने की सलाह दी है। चक्रवात की वजह से 7 से 9 जून तक लक्षद्वीप,उत्तरी कर्नाटक और केरल के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की भी संभावना जताई गई है। 

उत्तरी हिंद महासागर में तीन सप्ताह के भीतर बनने वाला यह दूसरा चक्रवात है। इससे पहले बंगाल की खाड़ी में बने  चक्रवात मोचा ने बांग्लादेश और म्यांमार में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी। 2021 में भी चक्रवात यास की वजह से मानसून का गति प्रभावित हुई थी।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker