यूपी सरकार ने शराब बिक्री से साल भर में 58 हजार करोड़ रुपए की कमाई का रखा लक्ष्य

उत्तर प्रदेश में शराब और बीयर पीने वालों की कमी नहीं है लेकिन सरकार का राजस्व लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने शराब और बीयर की बिक्री से साल भर में 58 हजार करोड़ रुपए की कमाई का लक्ष्य तय किया है लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 के पहले दो महीने अप्रैल और मई में महज 6700 करोड़ रुपए आए हैं। पिछले साल इसी दो महीने की कमाई 6567 करोड़ से ये कुछ ज्यादा है लेकिन 58000 करोड़ के टार्गेट के हिसाब से कम है। सरकार का अनुमान था कि इन दो महीनों में 9000 करोड़ रुपए आएंगे। राज्य में 1 अप्रैल से शराब और बीयर के दाम बढ़ा दिए गए थे।

सरकार ने शराब और बीयर पर एक्साइज से कमाई में कमी को देखते हुए अफसरों को टार्गेट पूरा करने नहीं तो एक्शन की चेतावनी दी है। मंगलवार को राज्य के एक्साइज मंत्री नितिन अग्रवाल ने विभाग के प्रदर्शन की समीक्षा की। समीक्षा में पता चला कि मुरादाबाद और संभल जिले कमाई में बहुत पीछे चल रहे हैं। मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा है कि जून के आखिरी हफ्ते में फिर समीक्षा की जाएगी। फिलहाल दस जिलों के जिला उत्पाद अधिकारी को चेतावनी दी गई है कि वो टार्गेट पूरा करें नहीं तो कार्रवाई की जाएगी।

कई इलाकों में प्रिंट से 10 रुपया ज्यादा रेट वसूलते हैं शराब-बीयर के ठेकेदार

यूपी के नोएडा-गाजियाबाद में कई शराब दुकानों पर प्रिंट रेट से 10 रुपया ज्यादा वसूली की शिकायत आम है। नियमों के मुताबिक तय रेट से ज्यादा कीमत पर शराब बेचने पर पहली बार 75000 रुपए और आगे हर बार 1.50 लाख रुपए का जुर्माना का प्रावधान है। लेकिन उत्पाद विभाग की मिलीभगत से लाइसेंस ले रखे दुकानदारों की ऊपरी कमाई पर कोई लगाम नहीं लग पा रहा है।

उत्पाद विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल 50 हजार करोड़ के राजस्व का अनुमान है जो पिछले साल 41350 करोड़ रहा था। मॉनसून आने और बारिश शुरू होने के बाद बिक्री बढ़ेगी जो जाड़े तक चढ़ी रहेगी। विभाग को लगता है कि गर्मी जाने के बाद राजस्व टार्गेट में पिछड़ रहे जिले मेक-अप कर लेंगे।

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