प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट पर इतने लाख रुपए देगी सरकार, जानिए….

नई दिल्ली, अगर आप भी रिटायर होने या फिर नौकरी बदलने की सोच रहे हैं तो आपको सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। अभी तक प्राइवेट सक्टर के कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट पर 3 लाख रुपये तक की छूट दी जा रही थी। लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ा कर 25 लाख कर दिया है।

इस टैक्स बेनिफिट का लाभ कर्मचारी को तब मिलेगा, जब वो नौकरी बदलेंगे या फिर रिटायर होंगे। वहीं अगर आप नौकरी के दौरान छुट्टी की जगह कैश ले रहें हैं तो इस लीव इनकैशमेंट पर पहले की तरह ही टैक्स लगेगा।

क्या होता है लीव कैशमेंट?

नौकरी करते समय अगर आप अपनी छुट्टियां बचा कर रखते हैं तो इसके बदले आपको रिटायरमेंट के समय पैसे मिलते हैं। इसे ही लीव इनकैशमेंट कहते हैं।

एक से ज्यादा नौकरी पर भी लागू है 25 लाख की सीमा

आप एक साल के भीतर 25 लाख रुपये तक टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसे ऐसे समझिये- मान लीजिए कि आप मई में अपनी नौकरी बदलते हैं, जहां से आपको लीव इनकैशमेंट के रुप में 23 लाख रुपये मिलते हैं। इसके बाद आप दूसरी कंपनी में जाते हैं और जनवरी में उस कंपनी से इस्तीफा देते हैं तो वहां आपको 3 लाख रुपये लीव इनकैशमेंट के रुप में मिलता है।

इस तरह आपका कुल लीव इनकैशमेंट 26 लाख है, जिसमें आपको 25 लाख रुपये पर टैक्स छूट मिलेगी। आपको बाकी के 1 लाख रुपये पर टैक्स देना होगा।

2023 के बजट में हुआ था एलान

भारत की वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल 1 फरवरी को बजट पेश किया था। इस बजट में उन्होंने प्राइवेट सेक्टर के इम्पलॉय के लिए लीव इनकैशमेंट के लिए 3 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये तक टैक्स छूट देने का प्रस्ताव पेश किया था।

इसी प्रस्ताव को लेकर गुरुवार 25 मई 2023 को नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसमें बताया गया कि लीव इमकैशमेंट की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई है। यह फैसला 1 अप्रैल 2023 यानी 2023- 2024 के वित्त वर्ष से लागू हो गया है।

2022 के बजट में तय की गई थी ये लिमिट

प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारी को हर साल कुछ पेड लीव देती है। रिटायरमेंट या नौकरी से इस्तीफा देने के बाद कर्मचारी को बची हुई लीव के बदले पैसा मिलता है। 1 फरवरी 2023 के बजट में लीव इनकैशमेंट के लिए टैक्स फ्री लिमिट 3 लाख रुपये तय हुई थी।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker